उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर कुलपति द्वारा शोक जताने को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्र नाराज हैं। कुलपति तारिक मंसूर के विरोध में पूरे कैंपस में पर्चे चिपकाए गए हैं। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा शोक संवेदना जताने से धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है।
छात्रों की तरफ से जारी पर्चे में लिखा गया है कि कल्याण सिंह न सिर्फ बाबरी मस्जिद गिराने के अपराधी थे बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उन्होंने उल्लंधन किया था। साथ ही कहा गया है कि इस तरह से शोक जताना एएमयू की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। कुलपति ने पूरे बिरादरी का अपमान किया है। अलीगढ़ आंदोलन न्याय और निष्पक्षता में विश्वास रखता है। मंगलवार को जैसे ही इसकी सूचना यूनिवर्सिटी प्रशासन को मिली, पर्चे को हटवा दिया गया है।
यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रो.वसीम अली का कहना है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व द्वारा की गयी है। क्योंकि कोरोना की वजह से इस दिनों यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स नहीं हैं। कैंपस में दो तीन जगहों पर किसी शरारती तत्व ने पर्चे चिपकाने की हरकत की है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। पता चलते ही पर्जे को हटा दिया गया है। बताते चलें कि कल्याण सिंह का शनिवार रात लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया था वो 89 वर्ष के थे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के नाम पर प्रदेश के छह जिलों की सड़कों का नामकरण करेगी। प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री ने इसकी जानकाी दी थी उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पत्रकारों को बताया था कि अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर और एटा की एक-एक सड़कों का नामकरण कल्याण सिंह के नाम पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर के लिए उनके योगदान को आने वाली और वर्तमान पीढ़ी कभी भुला नहीं पाएगी। उन्होंने राम और राम भक्तों के लिए अपनी सत्ता कुर्बान कर दी लेकिन किसी राम भक्त पर कोई आंच नहीं आने दी, ऐसे बाबूजी के नाम पर सड़कों का नामकरण किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिये गये हैं।’’