UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttrakhand) की भाजपा (BJP) सरकार ने अपने चुनावी वादे में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू करने की घोषणा की थी। इस साल की शुरुआत में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में लौटने के तुरंत बाद समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था।

द संडे एक्सप्रेस के मुताबिक इस कमेटी ने आम लोगों से राय लेने के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए अपनी रिपोर्ट में कुछ सुझाव शामिल किए हैं। जिनमें लैंगिक समानता, महिलाओं की विवाह की उम्र, पैतृक संपत्तियों में बेटियों के लिए समान अधिकार, LGBTQ जोड़ों के लिए कानूनी अधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मुद्दे शामिल किए गए हैं।

भाजपा ने किया था चुनावी वादा

समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा ने उत्तराखंड में चुनावी अभियान के दौरान कानून को लागू करने का वादा किया था। इसे लागू करने के लिए बनाई गयी परामर्श समिति को इस साल मई में गठन होने के बाद से अब तक 2.5 लाख से अधिक लोगों से राय मिल चुकी है। कमेटी द्वारा तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देने की उम्मीद है। राज्य में यूसीसी शुरू करने के पार्टी के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए इस साल की शुरुआत में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में लौटने के तुरंत बाद इसका गठन किया गया था।

बच्चों की संख्या में एकरूपता के सुझाव को शामिल किया जाना जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक स्टेप के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अल्पसंख्यकों और आदिवासी समुदायों सहित समाज के विभिन्न वर्गों में इसे लेकर गुस्सा दिखाई दिया है जबकि यह एक चुनावी मुद्दा बनता हुआ दिखाई दे रहा है।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश के अलावा जहां विधानसभा सीटों के लिए मतगणना 8 दिसंबर को होगी। मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने भी राज्य में यूसीसी के लागू करने के लिए कदम बढ़ते हुए कमेटी बनाए जाने की घोषणा की है।

अमित शाह ने किया था जिक्र

पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यूसीसी भारतीय जनसंघ के दिनों से ही भाजपा का वादा रहा है। उन्होने कहा था कि केवल भाजपा ही नहीं संविधान सभा ने भी संसद को सलाह दी थी और कहा था कि देश में समान समय पर समान नागरिक संहिता आनी चाहिए। किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश के लिए कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि एक राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं?