उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान अब तक क़रीब 33 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। वहीं मौत पर राजनीति भी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस यह कह रही है कि उत्तराखंड में श्रद्धालुओं की मौत का मुख्य कारण राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं है। तो वहीं बीजेपी प्रवक्ता ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि तीर्थ यात्रियों को लगता है कि यात्रा के दौरान जिनकी मृत्यु होगी, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।
दरअसल बीजेपी प्रवक्ता शादाब शम्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था, “श्रद्धालुओं की मृत्यु पर मैंने अधिकारियों से जवाब मांगा था, तो अधिकारियों ने बताया कि यात्री अपनी आस्था की वजह से बीमारियों को छिपाकर चारधाम यात्रा पर चले आते हैं। यात्री मानते हैं कि यात्रा के दौरान मृत्यु से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी और इस कारण वह अपनी कई बीमारियों को छुपा लेते हैं। यात्रा के दौरान मृत्यु को अपना सौभाग्य मानते हैं और इसी सोच के साथ चले आते हैं।”
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा, “हमारी सरकार ने सारे प्रबंध किए हैं। हम सारे चेकअप करवा रहे हैं। हर एक जगह पर कैंप लगवाकर चेकअप कराएं जा रहे हैं। सारी प्रकार की व्यवस्था है और स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई कमी नहीं है।”
चारधाम यात्रा पर राजनीति भी शुरू हो गई है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मृत्यु पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया, ना ही ऑक्सीजन की कहीं व्यवस्था की। सड़क दुर्घटनाओं में भी लोगों की जान जा रही है। कांग्रेस ने सरकार को पहले ही चेताया था लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
श्रद्धालुओं की मौत पर शनिवार को उत्तराखंड की डीजी हेल्थ शैलजा भट्ट ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से 12 दिनों में अब तक बद्रीनाथ के 31 तीर्थयात्रियों और एक स्थानीय निवासी की मौत हो चुकी है। हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और माउंटेन सिकनेस के कारण इन सभी की मौत हुई। अब तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच यात्रा मार्गों पर बनाए गए चेक प्वाइंट्स पर की जा रही है।”