हरिद्वार के रुड़की के जलालपुर गांव में हाल ही में हिंसा और पथराव की घटना सामने आई थी। इसके बाद हिन्दू धर्मगुरुओं ने हिंसा पर चर्चा करने के लिए जलालपुर गांव में हिन्दू महापंचायत लगाने की घोषणा की थी। वहीं संतों की घोषणा के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने मंगलवार को गांव के 5 किलोमीटर क्षेत्र में धारा 144 लगा दी और किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं दी गई। लेकिन हिन्दू धर्मगुरुओं ने अभी भी महापंचायत करने की बात कही है।

प्रशासन ने ये कदम तब उठाया है जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तराखंड के मुख्य सचिव को राज्य की स्थिति को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया गया। हरिद्वार के एसएसपी योगेन्द्र रावत ने एएनआई को बताया कि, “हरिद्वार जिला प्रशासन ने भगवानपुर (रुड़की) थाना क्षेत्र के दादा जलालपुर गांव में प्रस्तावित हिंदू महापंचायत के मद्देनजर पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर धारा 144 लागू दी है। महापंचायत की तैयारी के लिए पहुंचे काली सेना के प्रदेश संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती और उनके 6 समर्थकों को मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया गया।”

वहीं हरिद्वार के एक धार्मिक नेता और बुधवार के कार्यक्रम के आयोजकों में से एक स्वामी आनंद स्वरूप ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वे अपनी योजनाओं के साथ आगे बढ़ेंगे और गांव पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि वह यतींद्रानंद गिरि, प्रबोधानंद सरस्वती, परमानंद जी महाराज और अन्य धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्यों के साथ महापंचायत का हिस्सा होंगे। 16 अप्रैल को हनुमान जयंती जुलूस के दौरान गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस कार्रवाई और मुख्य दोषियों को गिरफ्तार करने में उनकी विफलता पर चर्चा करने के लिए महापंचायत बुलाई गई है।

स्वामी आनंद स्वरूप ने स्थानीय मस्जिद के इमाम की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि, “हमने उन्हें (अधिकारियों को) एक हफ्ते का समय दिया था, जो मंगलवार को खत्म हो गया। हमने पहले ही घोषणा कर दी थी कि एक सप्ताह के बाद हम एक महापंचायत का आयोजन करेंगे और जो भी महापंचायत तय करे उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। मस्जिद के इमाम हिंसा के लिए दोषी हैं और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।”

हरिद्वार के एडीएम पीएल शाह ने बताया कि, “हरिद्वार जिले के रुड़की के दादा जलालपुर गांव में संतों और काली सेना द्वारा बुलाई गई हिंदू महापंचायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है।”