Uttarakhand News: उत्तराखंड में निकाय चुनाव होने हैं। इसके लिए 23 जनवरी को वोटिंग होनी है। इस चुनाव के लिए कांग्रेस के एक दिग्गज नेता की पत्नी की टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस का ही हाथ झटक दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया। ये नेता कोई और नहीं बल्कि पार्टी के दिग्गज नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी है।

मथुरा दत्त जोशी शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में BJP में शामिल हो गए। उनके साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री जगत सिंह खाती बिट्टू कर्नाटक भी पार्टी में शामिल हो गए। कर्नाटक को पूर्व सीएम हरीश रावत का करीबी माना जाता हैं।

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कांग्रेस से नेताओं की नाराजगी क्यों?

बिट्टू कर्नाटक की नाराजगी की वजह यह थी कि उन्हें पार्टी ने नगर निकाय चुनाव के लिए अल्मोड़ा से टिकट नहीं दिया। उत्तराखंड में 23 जनवरी को होने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले मथुरा जोशी ने अपनी पत्नी रुखमणी जोशी के लिए टिकट मांगा था, जो वर्तमान में पिथौरागढ़ में जिला पंचायत की सदस्य हैं।

कांग्रेस ने मथुरा दत्त जोशी की पत्नी को टिकट नहीं दिया और मेयर पद का टिकट साथी सदस्य अंजू लुंठी को दे दिया गया, जिससे जोशी नाराज हो गए थे। मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि मैंने 1978 में पार्टी के लिए काम करना शुरू किया और बूथ स्तर से संगठन बनाने में मदद की लेकिन पार्टी हमेशा काम की मांग करती है और हमें कभी इनाम नहीं देती।

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‘कांग्रेस की हालत खस्ताहाल’

बीजेपी में जाने के बाद मथुरा दत्त ने कहा कि पिछले कुछ सालों में करीब 1,000 लोग पार्टी छोड़ चुके हैं, जिसके चलते पार्टी की हाल खस्ताहाल है। बता दें कि मथुरा दत्त जोशी 2014 में मुख्य प्रवक्ता बने थे। वे 1996 से उत्तराखंड बनने तक यूपी यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे। जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस बातचीत के दौरान कहा कि पिछले एक दशक से खुद के लिए टिकट मांगने के बावजूद उन्हें विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार नहीं बनाया गया।

उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि जब उत्तराखंड कांग्रेस में बगावत हो रही थी, तब भी मैं वहीं रहा। कांग्रेस ने विभिन्न वैचारिक और नीतिगत मामलों में बीजेपी का विरोध किया है , लेकिन हमें जीवित रहने के लिए विचारधारा को खत्म करना होगा। उत्तराखंड से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।