Uttarakhand Finance Minister Premchand Aggarwal Resigns: उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अग्रवाल ने कहा, ‘मैं हमेशा चाहता हूं कि मेरा राज्य विकसित हो और आगे बढ़े। मुझसे जो भी योगदान अपेक्षित होगा, मैं करता रहूंगा। मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’
प्रेमचंद अग्रवाल ने यह कदम फरवरी महीने में दिए गए अपने बयान के बाद में उठाया है। उन्होंने कांग्रेस विधायक के साथ तीखी बहस के दौरान सवाल उठाया था कि क्या उत्तराखंड सिर्फ पहाड़ी लोगों के लिए है। इसके बाद राजनीतिक पार्टियों और अलग-अलग संगठनों ने जमकर आलोचना की थी। नाराजगी बढ़ती देख अग्रवाल ने माफी मांग ली थी। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। मैंने पूरे उत्तराखंड के बारे में बात की थी। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं दिल से खेद व्यक्त करता हूं और ईमानदारी से माफी मांगता हूं।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने बोला हमला
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘देखिए अहंकार का यही नतीजा निकलता है और आपका जब अपनी वाणी पर संयम ना हो, भावों पर संयम ना हो तो फिर आप कैसे राजनेता है। भाजपा के मंत्रियों में और शासन में जो अहंकार आ गया है वो अकेले प्रेमचंद नहीं है, ये इस तरह की जो भाजपा का अहंकार है वो प्रेमचंद के शब्दों में है। उन्होंने बहुत अपमानजनक और कुत्सित शब्दों का इस्तेमाल किया। उस घाव को उत्तराखंड नहीं भूलेगा।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘उत्तराखंड की एकता और अखंडता पर और भावनात्मक एकता पर जिस तरह का प्रभाव और जिस तरह का प्रहार प्रेमचंद अग्रवाल ने किया, मैं उससे बहुत ज्यादा दुखी हूं। लोग उस बात को भूलेंगे नहीं। बीजेपी को इस्तीफा देकर उन्होंने बहुत बड़ी फजीहत से बचा लिया, लेकिन फिर भी लोग बीजेपी को माफ नहीं करेंगे, क्योंकि बीजेपी ने बचाने का हरसंभव प्रयास किया। इसको अलग-अलग रूप देने की भी कोशिश की। लेकिन आखिरकार चीजें सभी सामने आ ही गईं। सारा का सारा उत्तराखंड नाराज है। आप जब एक समाज के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हो तो दूसरे के लिए भी ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल करोगे।’