यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से बीजेपी में आए और योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी को योगी सरकार ने हटा दिया है। जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे पर पैसों की उगाही का आरोप लगा है। ओएसडी के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। जितिन प्रसाद योगी सरकार में लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री हैं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में यह विभाग उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के पास था।
पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए तबादलों में भारी अनियमिता सामने आई थी और इसकी रिपोर्ट जांच के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजी गई थी, जिसके बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है। जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे के खिलाफ विजिलेंस जांच और विभागीय कार्रवाई की भी संस्तुति की गई है। बता दें कि अनिल कुमार पांडे भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर आए थे। अनिल पांडे को केंद्र सरकार को वापस कर दिया गया है।
यूपी लोक निर्माण विभाग में तबादलों को लेकर बड़े पैमाने पर पैसों की गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी और इसके बाद मामलों की जांच शुरू की गई थी। जांच में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के संकेत मिले, फिर यह कार्रवाई की गई। पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग में करीब 350 इंजीनियरों का तबादला हुआ था, जिसमे 200 अधिशासी अभियंता शामिल थे और करीब 150 सहायक अभियंता शामिल थे।
तबादलों को लेकर यह शिकायत की गई थी कि कई अधिकारी और अभियंता एक ही स्थान पर 15-20 साल से जमे हैं, जबकि उनका तबादला नहीं किया गया। ऐसे लोगों की सूचि भी जांच टीम को उपलब्ध कराई गई थी। वहीं कई ऐसे लोगों का भी तबादला कर दिया गया था, जो इस दुनिया में ही नहीं हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य विभाग में मंत्री से बिना पूछे सैकड़ों डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया था। ब्रजेश पाठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए हैदराबाद में मौजूद थे। इसके बाद ब्रजेश पाठक ने इन तबादलों पर अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण माँगा था। इसके बाद कमेटी गठित कर इस मामले में भी जांच के आदेश दे दिए गए थे।