कांवड़ यात्रा के दौरान संगीत के शोर को लेकर हुई शिकायतों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यदि लाऊडस्पीकरों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा तो यह सभी धार्मिक और पूजा स्थलों पर लगेगा, और यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो सबकुछ ऐसे ही चलता रहेगा। हाल ही में संपन्न हुई कांवड़ यात्रा के दौरान लाऊडस्पीकर से डीजे और संगीत बजाये जाने के संदर्भ में कल रात जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे बहुत आश्चर्य हुआ जब ऐसी बातें कही गई कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे, माइक का प्रयोग ना हो और संगीत ना बजाया जाये। मेरा सवाल है कि गीत संगीत के बिना यह कांवड़ यात्रा होगी या शव यात्रा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर डमरू, ढोल, गीत-संगीत नहीं होगा तो फिर यह कांवड़ यात्रा कैसे होगी। मैंने उस समय भी कहा था कि कांवड़ यात्रा में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि गाजियाबाद से हरिद्वार के बीच करीब चार करोड़ कांवड़ यात्री थे लेकिन कही से किसी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आई, यह होता है अनुशासन। ‘‘लेकिन अगर आप उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करेंगे, तब आपके सामने समस्या आयेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि लाऊडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना है तो यह सभी धार्मिक और पूजा स्थलों के लिए होगी, और अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो कांवड़ यात्रा ऐसी ही चलती रहेगी।
इससे पहले योगी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि यदि वो ईद के दौरान सड़कों पर अदा की जाने वाली नमाज को नहीं रोक सकते हैं तो उन्हें थानों में मनाये जाने वाले जन्माष्टमी को भी रोकने का अधिकार नहीं है। लखनऊ में प्रेरणा जनसंचार एवं सिद्ध संस्थान के कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्य नाथ ने कहा, ‘अगर मैं सड़क पर ईद के दिन नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगा सकता, तो मुझे कोई अधिकार नहीं है कि मैं थानों में जन्माष्टमी के पर्व को रोकूं…कोई अधिकार नहीं है।’
सूबे की समाजवादी पार्टी पर बरसते हुए योगी ने कहा कि वे लोग जो खुद को यदुवंशी कहते हैं उन्होंने थानों और पुलिस लाइन्स में जन्माष्टमी मनाने पर रोक लगा दी थी। उन्होंने ये भी कहा कि उनका ये मानना है कि प्रार्थना और कीर्तन से पुलिस सिस्टम में सुधार हो सकता है।