उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर हंगामा मचा हुआ है। मुस्लिम नेता और संगठन सर्वे का विरोध कर रहे हैं तो हिंदू संगठन इस सर्वे का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि सर्वे का काम शुरू हो गया है और शनिवार को पहले दिन मंदिर के तहखाने का सर्वे हुआ। इस सर्वे की वीडियोग्राफी भी की गई। वहीं अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब की कब्र पर जाकर फूल चढ़ा दिया और इस पर भी हंगामा मच गया। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज तक समाचार चैनल पर बहस चल रही थी जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता वारिस पठान भी मौजूद थे।

बहस के दौरान एंकर ने वारिस पठान से पूछा कि क्या देश में देशभक्त मुसलमानों की कमी हो गई है कि आप लोग औरंगजेब को मिसाल बना रहे हैं? सवाल का जवाब देते हुए एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने कहा, “हमें देशभक्ति का सर्टिफिकेट बीजेपी और आरएसएस से नहीं लेना है। जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी, तब यह आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद कहीं नहीं था। आरएसएस ने तो हमारे तिरंगे को 52 साल तक नागपुर में नहीं फहराया। यह अंग्रेजों की चमचागिरी कर रहे थे और हमको यह देशभक्ति का पाठ न पढ़ाएं।”

वारिस पठान ने आगे कहा, “बीजेपी हम पर आरोप लगाती है कि हम कानून को नहीं मानते ,लेकिन पहले यह तो मान लें। एएसआई ने ताजमहल को कहा है कि यह कोई मंदिर नहीं है बल्कि एक मकबरा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह तेजू महल नहीं है, बल्कि ताजमहल है। बीजेपी के लोग 1991 के वरशिप एक्ट को नहीं मानते। मोदी जी से बोलिए कानून पास कर दें, हम औरंगजेब की कब्र के पास नहीं जाएंगे।”

वारिस पठान के जवाब पर एंकर ने कहा कि कानून तो सीएए का भी पास हुआ था, लेकिन कहां माना गया। इसके बाद वारिस पठान ने कहा, “बीजेपी के लोग देश के युवाओं से माफी मांगे, क्योंकि इन्होंने बेरोजगारी कम करने की बात कही थी ,लेकिन नहीं कर पाए। यह देश के लोगों से माफी मांगे क्योंकि इन्होंने पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने के लिए कहा था, लेकिन नहीं कर पाए।”

वारिस पठान के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “वारिस पठान साहब कह रहे हैं कि ताजमहल मुमताज का मकबरा है, तो अगर वह मुमताज का मकबरा है तो वहां पर नमाज पढ़ने के लिए क्यों चले जाते हैं? यह लोग औरंगजेब की बात करते हैं और शिवाजी महाराज ने जिंदगी भर मुगलों, आतंकवादियों और अक्रानताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्हें परास्त किया।”