बिहार में नीतीश कुमार के आरजेडी के साथ आने के बाद एक बार फिर से देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन की बात शुरू हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी संभावित पीएम उम्मीदवार की रेस में शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद ने अब सपा मुखिया अखिलेश यादव को पीएम उम्मीदवार की रेस में बताया है। उन्होंने पूछा कि अखिलेश यादव क्यों पीएम उम्मीदवार नहीं हो सकते?
मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अखिलेश यादव क्यों नहीं पीएम कैंडिडेट हो सकते हैं? ये बहुत प्रीमैच्योर है जो सवाल आप पूछ रहे हैं? उनका चेहरा और व्यक्तित्व पीएम कैंडिडेट के तौर पर परफेक्ट है। वे दावेदार ही नहीं वो एक कामयाब प्रधानमंत्री भी हो सकते हैं।”
वहीं बिहार में जेडीयू-आरजेडी के साथ आने के बाद अखिलेश यादव ने भी इसका स्वागत किया था और कहा था कि सभी दल आने वाला चुनाव एकजुट होकर लड़ेंगे। जब उनसे एक इंटरव्यू के दौरान नीतीश कुमार के पीएम कैंडिडेट होने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा था कि देश को पीएम कैंडिडेट मिलेगा, लेकिन कौन होगा ये मैं नहीं कह सकता हूं।
वहीं विपक्षी एकता पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “विपक्षी खेमे में अहम का बड़ा टकराव है। राहुल गांधी हैं, अरविंद केजरीवाल हैं, एमके स्टालिन की छिपी महत्वाकांक्षा भी है और ममता बनर्जी और केसीआर भी हैं। इनमें से कई पार्टियां राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। वे अंतर्विरोधों का पिटारा हैं। देवेगौड़ा के दिनों से लेकर मुलायम-लालू की लड़ाई से लेकर लालू-नीतीश की लड़ाई तक, अपने विभिन्न अवतारों में जनता दल के कई विरोधाभास रहे हैं।”
रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, “देश पीछे हटना पसंद नहीं करेगा। लोकसभा चुनाव का एक अलग मैट्रिक्स है। लोग सुरक्षा और स्थिरता के लिए नरेंद्र मोदी को वोट देंगे। विपक्ष राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के उम्मीदवारों की अपनी पसंद पर एकजुट नहीं हो सकता है। इससे पता चलता है कि ये दल कितने असंतुष्ट और भ्रमित हैं।”
