योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे, जिसके कारण लखनऊ की सड़कों पर कल काफी देर तक जाम लगा रहा। हालत ये थी कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सड़क पर करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। वसुंधरा राजे योगी की शपथ के लिए स्पेशल प्लेन से लखनऊ पहुंची थीं।
अमित शाह के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को भी पैदल चलना पड़ा। लखनऊ पुलिस द्वारा ट्रैफिक को लेकर की गई व्यवस्था से कई लोग नाराज दिखें और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने नाराजगी को व्यक्त भी किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण में पहुंचे थे। नीतीश कुमार भी शपथ ग्रहण भी लेट हो गए थे और योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के बाद मंच पर पहुंचे थें। नीतीश कुमार ने मंच पर पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और हाथ मिलाया।
असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव देव, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह समेत बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। लखनऊ में भारी भीड़ के कारण लगभग सभी नेताओं को दिक्कत का सामना करना पड़ा।
योगी आदित्यनाथ के साथ 52 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल से हटाया गया तो कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। बनारस दक्षिण से विधायक नीलकंठ तिवारी को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की परिचय बैठक हुई और इस दौरान मंत्रियों का परिचय एक दूसरे से कराया गया। आज सुबह योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक हुई जिसमें कुछ अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुफ्त राशन योजना अगले 3 महीनों तक के लिए बढ़ा दी गई है।