देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चाएं एक बार फिर शुरू हो चुकी हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की उठती मांगों के बीच, योगी आदित्यनाथ सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि मुस्लिम समाज को समान नागरिक संहिता के बारे में बताएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोगों के बीच सरकार की मंशा को स्पष्ट करेंगे।

अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मामलों के राज्य मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि सरकार सभी लोगों से बात करने के बाद ही समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएगी। योगी सरकार के मंत्री ने कहा, “हमारे लिए जनता की राय काफी अहम है, हम जनता के बीच जाकर और उनसे बातचीत करने के बाद ही इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएंगे।”

समान नागरिक संहिता को लेकर छिड़ी बहस पर योगी सरकार के मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि समाज के आगे बढ़ने के साथ ही चीजें भी बदलती हैं। दूसरी तरफ, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के विचार को खारिज करते हुए इसके पक्ष में कही जा रही बातों की आलोचना की है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर छिड़ी बहस के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि अगर यह लागू हुआ तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा और मुसलमान इसे हरगिज स्वीकार नहीं करेंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि केंद्र, उत्तराखंड और यूपी सरकार का समान नागरिक संहिता का राग अलापना केवल फिजूल बयानबाजी है।

दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड लंबे समय से भाजपा के एजेंडे में रहा है और भाजपा शासित सरकारें समान नागरिक संहिता लागू करने का पुरजोर वकालत करती रही हैं। देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर छिड़ी बहस के बीच, पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में भाजपा की एक बैठक के दौरान कहा था कि सीएए, राममंदिर, आर्किटल 370 और तीन तलाक जैसे मुद्दों के फैसले हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अब यूनिफॉर्म सिविल कोड की बारी है जिसे अगले कुछ सालों में हल कर लिया जाएगा। अमित शाह के बयान के बाद एक बार फिर इसको लेकर बड़ी बहस शुरू होती दिखाई दे रही है।