यूपी की राजधानी लखनऊ में अलसुबह डेढ़ बजे एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को पुलिस ने गोली मार दी थी। इस मामले में निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ने पर सरकार बैकफुट पर है। यूपी सरकार ने अब इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। वहीं केंद्रीय गृृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मामले मेें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है।

यूपी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन ने एएनआई से कहा,” दोबारा मामले की एफआईआर ​दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। गोमती नगर पुलिस अब मामले की जांच नहीं करेगी। इस मामले की जांच कोई अन्य पुलिस स्टेशन करेगा। डीएम लखनऊ ने इस मामले में न्यायालयी जांच के आदेश दिए हैं। मैंने एसआईटी ​गठित करने का आदेश दिया है। ये एक अपराध है। इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया है।”

मंत्री आशुतोष टंडन के अलावा यूपी के एडीजी (लॉ एंड आॅर्डर) आनंद कुमार ने एएनआई से कहा,”यूपी के डीजीपी ने इस मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। एसपी क्राइम और एसपी ग्रामीण लखनऊ टीम के अन्य सदस्य होंगे। वे जल्द से जल्द इस मामले में अपनी रिपोर्ट देंगे।”

बता दें कि लखनऊ के गोमती नगर में शनिवार (29 सितंबर) को तड़के 1.30 बजे मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास दो सिपाहियों ने एसयूवी में सवार ‘एप्पल’ के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी थी। दोनों ही सिपाहियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश भी दिए गए हैं।

लेकिन इसी बीच विवेक तिवारी को गोली मारने के आरोपी सिपाही ने भी मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है। आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा,” मैंने उसे गोली नहीं मारी है। गोली गलती से चली है। उसने मुझे कार से तीन बार टक्कर मारकर मेरी हत्या की कोशिश की। मैंने मांग की है कि मेरी भी एफआईआर दर्ज की जाए।”

दूसरे पुलिसकर्मियों ने विवेक को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने विवेक को मृत घोषित कर दिया। हादसे के वक्त विवेक तिवारी के साथ रहीं सना की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर गोलीबारी करने वाले कांस्टेबल प्रशांत कुमार और संदीप को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।