उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने विस्तार की योजना बना रहा है। संघ राज्य में अपनी गतिविधियों को विस्तार देगा, ताकि वे हिंदुत्व के एजेंडे पर काम कर सकें। आरएसएस के अवध क्षेत्र के प्रमुख प्रभू नारायण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमें कभी किसी सरकार ने कॉर्डिनेट नहीं किया। कुछ समय बाद सरकार हमारे काम में दिक्कत पैदा करना शुरू कर देती है। अब नई सरकार बनी है तो ऐसा है जैसे एक स्पीड ब्रेकर हट गया। हमें उम्मीद है कि हम अपना काम तेजी से करेंगे।’ उन्होंने कहा कि आरएसएस खुश है कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा, ‘उनके लिए एक बात तो सब जानते हैं कि वह ईमानदार हैं और खुदगर्ज नहीं हैं।’
उन्होंने राज्य में ‘अवैध’ बूचड़खानों को बंद करने का समर्थन किया। प्रभू नारायण ने कहा कि लोग उम्मीद कर रहे थे कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद राम मंदिर बनेगा। लेकिन इसका समय संतों की धर्म संसद द्वारा तय किया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के उस सुझाव का भी स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने कोर्ट के बाहर इस विवाद को सुलझाने की सलाह दी थी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस विवाद को सुलझाने के लिए आरएसएस के पास कोई फॉर्मूला नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि अगर कट्टरपंथी और अलगाववादी मुस्लिम एक तरफ हट जाएं तो बाकी सभी मुस्लिम और हिंदू राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं।’ प्रभू नारायण ने कहा कि आरएसएस इसमें केवल बिचौलिए की भूमिका निभा सकता है और बाकी की चीजें विश्व हिंदू परिषद और धर्म संसद द्वारा तय की जाएंगी।
अवध क्षेत्र के सह प्रवंत कार्यवाह नरेंद्र ने कहा कि अवध क्षेत्र में आरएसएस की 1173 शाखाएं हैं, इनमें से 642 शाखा छात्र और 531 व्यापारियों द्वारा चलाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि युवा ऑनलाइन कैम्पेन ‘ज्वाइन आरएसएस’ के जरिए आरएसएस के साथ जुड़ना चाहते हैं। नरेंद्र ने कहा कि साल 2013 में संघ के साथ 1217 युवा जुड़े थे, जबकि जनवरी 2016 से 15 मार्च 2017 तक यह आंकड़ा 3321 था।