यूपी दारोगा भर्ती 2021 में धांधली का मामला सामने आया है। आरोप है कि कटऑफ से ज्यादा नंबर लाने पर भी अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ है। रायबरेली जिले के बछरावां के रहने वाले भानू ने ये दावा किया है। दरोगा भर्ती में कटऑफ से ज्यादा नंबर आने के बाद भी चयन नहीं होने पर भानू की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है।

भानू की पत्नी प्रियंका बताती हैं कि उनके पति की ख्वाहिश थी कि उनको दरोगा बनना है, इसके लिए वह दिन-रात मेहनत करते थे, लेकिन जिस दिन रिजल्ट आया वह पूरी रात नहीं सोए। उन्होंने मुझसे कहा कि प्रियंका देखो अब मेरा तो सब कुछ खत्म हो गया। प्रियंका बताती है कि इस समस्या को लेकर हम सीएम योगी के जनता दरबार गये और उनसे मिलने के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी।

सीआरपीएफ की नौकरी छोड़ने वाले भानू बताते हैं कि उनको हैरानी इस बात से है कि 121 पर कटऑफ है, लेकिन जबकि उन्हें 123 नंबर मिले हैं। इसके बाद भी उनका चयन दरोगा के लिए नहीं हुआ। इस धांधली को लेकर कई अभ्यर्थी लखनऊ के इको गार्डन में पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। इसी धरने में भानू के साथ उनकी पत्नी प्रियंका भी बैठी हैं।

भानू ने बताया कि उनके चयन का कारण या तो भर्ती बोर्ड ही बता सकता है या फिर भगवान। भानू आगे बताते हैं कि इस वक्त वह छह हजार रुपये पर नौकरी कर रहे हैं। कई मित्रों से उन्होंने पैसे उधार लिए हैं, भानू को उम्मीद थी कि नौकरी लग जाएगी तो सभी के पैसे भी दे दिए जाएंगे।

बता दें कि यूपी दरोगा की इस भर्ती में कुल 9534 पदों पर भर्ती का ऐलान हुआ था। करीब 12 लाख लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था। उनमें से लगभग 7 लाख 61 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। 12 नवंबर 2021 से ऑनलाइन परीक्षा शुरू हुई, जो 2 दिसंबर 2021 तक चली। 14 अप्रैल 2022 को मेरिट लिस्ट जारी की गई, जिसमें 36,170 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया। यूपी में सरकारी विभाग में भर्तियों में धांधली को लेकर यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी जो भी सरकार सत्ता में रही, उसके कार्यकाल में धांधली के आरोप लगते रहे हैं।