Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में जुटे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के साथ उन लोकसभा सीटों पर फोकस बढ़ाया है, जिनमें अखिलेश परिवार के सदस्य लड़ते हैं। सपा मुखिया का खास फोकस समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे और पिछले चुनाव में कम मार्जिन से हार वाली सीटों पर है। इनके जरिए अखिलेश यादव परिवार को भी सहेजने में लग गए हैं। अखिलेश को समझ में आ गया है कि थोड़ी से मेहनत कर इन सीटों को हासिल किया जा सकता है।
सपा प्रमुख के इस्तीफा देने से खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में सपा ने पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। अब धर्मेंद्र को फिर से उनकी पुरानी सीट बदायूं से चुनाव लड़ाने की तैयारी है।
अखिलेश यादव खुद पिछले दिनों बदायूं लोकसभा सीट की समीक्षा बैठक में इसके संकेत दे चुके हैं। फिरोजाबाद लोकसभा सीट से प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव मैदान में उतरेंगे। इसका खुलासा खुद चाचा शिवपाल सिंह यादव ने पिछले दिनों फिरोजाबाद में हुए लोक जागरण अभियान के दौरान कर दिया था। उन्होंने अक्षय के साथ अपनी तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करते हुए लिखा…”इस बार ये चाचा फिरोजाबाद संसदीय चुनाव में अक्षय की विजय निमित्त बनेंगे।” साल 2019 के चुनाव में अक्षय 28 हजार वोटों से शिवपाल यादव के कारण ही चुनाव हार गए थे।
शिवपाल यादव उस समय अखिलेश से नाराज चल रहे और उन्होंने इस सीट से अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर 91 हजार से अधिक वोट पाए थे। कन्नौज से अखिलेश यादव खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। सपा प्रमुख ने पिछले चुनाव में यहां से अपनी पत्नी डिंपल को मैदान में उतारा था, किंतु वह 12 हजार वोटों से चुनाव हार गईं थीं।
सपा प्रमुख यह भी जानते हैं कि इस सीट पर थोड़ी से मेहनत करने से यह सीट फिर उनके कब्जे में आ सकती है। यही वजह है कि जब भी अखिलेश को मौका मिलता है वे कन्नौज प्रचार के लिए पहुंच जाते हैं। आजमगढ़ से शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। शिवपाल लगातार आजमगढ़ व जौनपुर को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। मुलायम सिंह के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट का उपचुनाव जीतने वाली डिंपल यादव फिर इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी।