एमएलसी चुनाव के दौरान सपा के चार नेताओं को बीजेपी प्रत्याशी से साथ खड़े होना भारी पड़ गया। तमतमाए अखिलेश ने चारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सपा चीफ ने इसके साथ सभी नेताओं को कड़ा संदेश दिया है कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की सपा में जगह नहीं है।
अखिलेश यादव ने उन्नाव जिले के चार ब्लॉक प्रमुखों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों पर एक्शन हुआ उनमें ज्ञानेंद्र सिंह ब्लाक प्रमुख औरास, विजेंद्र यादव ब्लॉक प्रमुख असोहा, विवेक पटेल ब्लाक प्रमुख गंज मुरादाबाद के साथ बांगरमऊ के ब्लॉक प्रमुख अर्जुन दिवाकर शामिल हैं। बताया जाता है कि ये सभी नेता भाजपा के एमएलसी प्रत्याशी रामचंद्र प्रधान के समर्थन में खड़े दिखे थे।
सपा ने इस सीट पर सुनील सिंह साजन को प्रत्याशी बनाया है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि साजन ने चारों की कारगुजारी की सूचना सपा चीफ तक पहुंचा दी थी। अखिलेश ने मामले की सच्चाई का पता लगाया और शिकायत सच होने पर चारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने चिट्ठी जारी करके बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर चारों के खिलाफ 6 साल तक के निष्कासन की कार्रवाई की गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले भी अखिलेश यादव ने चार नेताओं को सपा से निष्कासित किया था। इनमें दो पूर्व विधायक भी शामिल थे। इन सभी लोगों पर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा था।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में मिली भारी जीत के बाद अब बीजेपी 9 अप्रैल को होने वाले एमएलसी चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की जुगत भिड़ा रही है। एमएलसी की 36 सीटें मार्च में खाली हुई थीं। 9 सीटों पर बीजेपी निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी है। जबकि 27 सीटों पर वोट डाले जाने हैं। 12 अप्रैल को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे।