उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज रखने का एक बार फिर से समर्थन किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस शहर में तीन पवित्र नदियों का संगम होने के कारण ही इसका नाम प्रयागराज पड़ा है। इस शहर का नाम बदलने के औचित्य पर जो लोग सवाल खड़े कर रहे हैं, उन लोगों को इतिहास और संस्कृति की जानकारी नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने कहा,” करीब 500 साल पहले प्रयागराज का नाम मुगलकाल में बदलकर इलाहाबाद किया गया था। इस स्थान पर तीन पवित्र नदियों का प्रभाव है जिनका नाम गंगा, यमुना और सरस्वती है, इसलिए इस स्थान का नाम प्रयागराज रखा गया है। वो लोग जिन्हें इतिहास और परंपराओं के बारे में जीरो जानकारी है, वही इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।”
Prayagraj was named Allahabad during the Mughal era, around 500 years ago. The place is a confluence of three Holy rivers namely the Saraswati,Yamuna, and Ganga,hence the name Prayagraj.People who have zero understanding of our history and traditions would question the move:UP CM pic.twitter.com/naXfb1dLC4
— ANI UP (@ANINewsUP) October 16, 2018
वैसे बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की घोषणा की थी। शनिवार (13 अक्टूबर) को कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद सीएम योगी ने मीडिया से बात की थी। सीएम योगी ने कहा, ”गंगा और यमुना दो पवित्र नदी के संगम का स्थल होने के नाते यहां सभी प्रयागों का राज है, इसलिए इलाहाबाद को प्रयागराज भी कहते हैं। अगर सबकी सहमति होगी तो प्रयागराज के रूप में हमें इस शहर को जानना चाहिये।” उन्होंने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलने के लिए संतों ने मांग की थी, जिस पर राज्यपाल सहमति जता रहे हैं। सीएम ने यह भी घोषणा की कि कुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु लिए अब संगम स्थित किले में अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन भी कर सकेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने भी रविवार (14 अक्टूबर) को तल्ख टिप्पणी की थी। पूर्व जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में लिखा,”प्रयाग के रूप में इलाहाबाद का पुनर्नामकरण करने के लिए बधाई। लेकिन निश्चित रूप से यह पर्याप्त नहीं है। मेरा सुझाव है कि इन बाबर की औलादों के नाम को खत्म करने के लिए यूपी शहरों के आगे के नाम परिवर्तन किए जाएं। इस प्रकार की दयालुता के लिए याचक के लिए प्रार्थना है।”
सिर्फ यही नहीं काटजू ने इलाहाबाद के अलावा यूपी के 18 अन्य शहरों के नाम बदलने का भी सुझाव दिया था। काटजू का सुझाव था कि अलीगढ़ को अश्वत्थामा नगर, आगरा को अगस्तय नगर, ग़ाज़ीपुर को गणेशपुर, शाहजहांपुर को सुग्रीवपुर, मुजफ्फरनगर को मुरलीमनोहरनगर, आजमगढ़ को अलकनंदापुर, हमीरपुर को हस्तिनापुर, लखनऊ को लक्ष्मणपुर, बुलंदशहर को बजरंगबलीपुर, फैजाबाद को नरेंद्र मोदी पुर, फतेहपुर को अमितशाहनगर, गाजियाबाद को गजेंद्र नगर, फिरोजाबाद को द्रोणाचार्य नगर, फर्रूखाबाद को अंगदपुर, गाजियाबाद को घटोत्कचनगर, सुल्तानपुर को सरस्वतीनगर, मुरादाबाद को मनकीबात नगर, मिर्जापुर को मीराबाई नगर कर दिया जाए।