उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हुआ। सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में विधायक पद की शपथ ली। उसके बाद राष्ट्रगान की धुन के साथ सत्र की शुरुवात हुई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, उसके तुरंत बाद सपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

समाजवादी पार्टी के विधायक तख्तियां लिए हुए विधानसभा में पहुंचे थे और राज्यपाल के अभिभाषण शुरू होने के साथ ही सपा विधायक वेल में आ गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सपा विधायकों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ खूब नारेबाजी की। विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपना अभिभाषण जारी रखा। राज्यपाल ने करीब 55 मिनट तक अभिभाषण दिया और सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया।

बीजेपी विधायकों ने भगवा रंग की टोपियां पहनी हुईं थीं तो वहीं हमेशा की तरह सपा विधायकों ने लाल रंग की टोपी पहन रखी थी। सपा मुखिया और करहल से विधायक अखिलेश यादव ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विपक्ष ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेरा। सपा विधायकों के भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस-वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “नई विधानसभा के पहले सत्र में मैं सभी निर्वाचित विधायकों का ह्रदय से स्वागत करता हूं। इसी सत्र में 2022-23 का बजट भी आयेगा तो ये एक प्रकार से बजट सत्र है। 26 मई को प्रदेश सरकार अपना बजट विधानसभा में प्रस्तुत करेगी। डबल इंजन की बीजेपी सरकार सबका साथ-सबका विकास के प्रति कटिबद्ध है। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने और हर सदस्य द्वारा उठाये गए प्रशन का उत्तर देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”

वहीं विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सपा के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा, “सपा के नेता हमसे मिलकर कहते हैं कि जैसे आप घर से निकलकर जनता के बीच में जाते हैं, वैसे ही हमारे नेता को भी कहिए कि वे भी ऐसा करें। अखिलेश यादव को अपने कमरे से बाहर निकलकर जनता के बीच में जाने की ज़रूरत है। उन्हें संगठन को गति देने की ज़रूरत है।”