कानपुर के सेंट्रल बैंक से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक के बाद एक करके कई लोगों के लाकर खाली हो गए। लोग परेशान हैं और बैंक से जवाब मांग रहे हैं लेकिन उनके हाथ लग रहे हैं तो खाली आश्वासन। लोगों का कहना है कि वो जाएं तो कहां। बैंक वाले तो अपना पल्ला ही झाड़ रहे हैं।
कानपुर में सेन्ट्रल बैंक के लाकर में एक महीने में लूट की ये चौथी घटना है। व्यापारी संघठन ने बैंक में हंगामा किया तो बैंक अधिकारी अपने बचाव को लेकर बेतुके तर्क देने लगे। वो बोले कि जिसके लाकर से सामान गायब हुआ है वो एफआईआर कराए। उनका कहना है कि बैंक के अंदर से जेवर गायब होने की संभावना नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दो कर्मियों का तबादला कर दिया गया है। ब्रांच इंचार्ज के साथ लाकर इंचार्ज शुभम को तब्दील किया गया है।
मामला कानपुर के कराचीखाना स्थित सेन्ट्रल बैंक का है। पंकज गुप्ता नाम के शख्स ने बताया कि चोरों के डर से उसने लाकर लिया था लेकिन जब इसे खोला तो पैरों के तले जमीन सरक गई। लाकर में से सारा माल गायब था। उनका कहना है कि पहले तो बैंक के कर्मी लाकर खोलने को तैयार नहीं थे। दबाव बनाया तो इसे खोलने को बैंक कर्मी माने।
एक महिला ऊषा गुप्ता का कहना है कि उनकी बेटी की शादी पिछले साल हुई थी। तब उन्होंने लाकर खोला था। अब आए हैं तो डर लग रहा है। उनकी हिम्मत ही नहीं पड़ रही है इसे खोलने की। उनका कहना था कि अब बैंक में भी ऐसा होगा तो विश्वास किस पर किया जाए।
उधर, बैंक के रीजनल मैनेजर एसके गुप्ता ने सारे मामले पर पहले कोरोना गाइडलाइन का हवाला दिया और उसके बाद जो बात कही उसे सुनकर लोग चकरा गए। उनका कहना था कि जिन लोगों का सामान गायब हुआ है वो केस दर्ज करा सकते हैं। उनका कहना था कि लाकर बैंक के पास सुरक्षित हैं। आप लोग तसल्ली रखें और बैंक की बात पर विश्वास करें।