समाजवादी पार्टी में चल रही उथल-पुथल के बीच बागी नेता इरशाद खान ने विभिन्न मुद्दों को लेकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को वो सलाह दे रहे हैं जिनकी एक बूथ जीतने की हैसियत नहीं है। साथ ही शिवपाल यादव के साथ पार्टी प्रमुख की चल रही नोकझोंक को लेकर उन्होंने कहा कि शिवपाल प्रदेश के बड़े नेता हैं, जिन्हें यूपी का मुख्यमंत्री होना चाहिए था वो प्रदेश के विधायक बने घूम रहे हैं। पार्टी उनको पूछ नहीं रही है।

उन्होंने कहा कि नेताजी के बाद यूपी का सीएम शिवपाल यादव को होना चाहिए था। ये तो उनका दुर्भाग्य है कि वे प्रदेश के एक विधायक बने घूम रहे हैं और समाजवादी पार्टी उनको पूछ नहीं रही है।

वहीं, शिवपाल के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि अखिलेश के चारों तरफ चंद सलाहकार हैं, जिनकी एक बूथ जीतने की हैसियत नहीं है और वे पार्टी प्रमुख को सलाह देते हैं। वे शिवपाल जी पर आरोप लगा रहे हैं के जो लोग बीजेपी से मिले हुए हैं। वो समाजवादी में नहीं हैं। जब आप पार्टी सदस्यों का सम्मान नहीं कर रहे, उन्हें किसी मीटिंग में नहीं बुला रहे तो उनकी जहां इच्छा होगी वे वहां जाएंगे।

आजम खां से जयंत चौधरी समेत कई नेताओं ने मुलाकात की है, जबकि अखिलेश उनसे मिलने नहीं गए। इस पर इरशाद खान ने कहा कि रामपुर की पहचान ही उत्तर प्रदेश में आजम खां से है। उन्होंने कहा, “मैं अखिलेश जी से कहूंगा कि बात अभी भी इतनी नहीं बिगड़ी है। वे अभी भी इसे बनाना चाहें तो बना सकते हैं, लेकिन अगर उनके सलाहकार उन्हें सलाह नहीं दे रहे हैं तो मैं क्या कर सकता हूं।”

यादव-मुस्लिम गठजोड़ को लेकर खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितना मुसलमान समाजवादी पार्टी को वोट दे सकता था उसने 2022 के विधानसभा चुनावों में दिया है। अब इससे ज्यादा हैसियत मुसलमान की उन्हें वोट देने की बची नहीं। इतने वोट देने के बाद भी अखिलेश जी मुसलमानों की बात नहीं कर रहे हैं।

सीतापुर और दिल्ली के जहांगीरपुरी में मुसलमानों के घर गिराए जाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे मुसलमानों को लेकर कुछ कह नहीं रहे हैं। मुसलमान अब बेवकूफ बनकर उन्हें वोट नहीं देगे।