वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर जारी कानूनी लड़ाई के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान से सियासत गरमाई हुई है। अयोध्या मामले को लेकर सपा प्रमुख ने कहा कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा कुछ भी कर सकती है। अखिलेश यादव के इस बयान पर भड़के रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने कहा कि 23 दिसंबर 1949 को रामलला प्रकट हुए थे और उस वक्त तो बीजेपी पार्टी बनी ही नहीं थी।

सत्येंद्र दास ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए अखिलेश यादव के बयान पर आपत्ति जताई और कहा, “अखिलेश यादव झूठा बयान दे रहे हैं, चूंकि सत्ता में भाजपा और उसी भाजपा के हाथों ये चुनाव में हारे हैं। इनकी बहुत इच्छा थी कि मुख्यमंत्री बन जाएंगे लेकिन ये उनकी कल्पना ही रह गई। तब वह भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं।”

रामलला के मुख्य पुजारी ने कहा, “हमारे यहां भगवान प्रकट होते हैं और जिस पार्टी पर ये आरोप लगा रहे हैं, उस वक्त वह पार्टी अस्तित्व में भी नहीं थी। ये जितना ही झूठ बोलेंगे इनका उतना ही नुकसान होगा। ये (अखिलेश यादव) जो झूठ बोल रहे हैं, उसी से आगे इनका पतन हो जाएगा।”

सत्येंद्र दास ने अखिलेश यादव के पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ये और इनके पिता (मुलायम सिंह यादव) की परंपरा ही यही है। अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलवाई थी, ये बात सभी लोग जानते हैं। अखिलेश यादव एक पार्टी के अध्यक्ष हैं और इनको इस प्रकार की बात नहीं करनी चाहिए। भक्तों और भगवान पर ऐसा आरोप नहीं लगाना चाहिए।”

इसके पहले, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था, “एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है।” सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था, “हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया।”