उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर उपचुनाव को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। सपा नेता आजम खान के दो करीबियों के एक ही सीट से मैदान में होने के कारण रामपुर लोकसभा सीट इन दिनों काफी चर्चाओं में है। हालांकि, कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस बीच कांग्रेस के नेता नवाब काजिम अली ने इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी का समर्थन करने की घोषणा की है।

उन्होंने बुधवार (8 जून, 2022) को इस बात का ऐलान करते हुए कांग्रेस महासचिव और पार्टी की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से माफी भी मांगी। प्रियंका को लिखे अपने पत्र में, काजिम ने कहा कि वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कुछ लोगों ने पार्टी के नेताओं को “गुमराह” कर दिया और पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने का फैसला कर लिया।

मैं किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र हूं: काजिम
उन्होंने कहा, “मैं वर्तमान में कांग्रेस से जुड़ा हूं और पार्टी के साथ रहूंगा। यूपी में पार्टी के खिलाफ प्रतिकूल राजनीतिक माहौल के बावजूद, मैंने पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा। मैं अपनी पसंद के किसी भी उम्मीदवार का समर्थन और वोट देने के लिए स्वतंत्र हूं।”

कुछ दिन पहले ही लोधी से की थी मुलाकात
सोमवार (7 जून, 2022) को ही लोधी ने नूर महल में काजिम और उनके बेटे हैदर अली खान से मुलाकात की थी। लोधी ने आजम विरोधी गुट के कुछ अन्य सदस्यों से भी मुलाकात की, जिनमें रामपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक अफरोज अली खान भी शामिल हैं। उन्होंने 1996 के विधानसभा चुनावों में आजम को हराया था। अफरोज अली ने कहा, “कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं है, इसलिए मेरे पास बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।”

काजिम आजम खान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। रामपुर के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों में पिछले 40 सालों से आजम और नूर महल के बीच राजनीतिक खींचतान देखी जा रही है। रामपुर सीट पर 23 जून को मतदान होगा और 26 जून को वोटों की गिनती की जाएगी।