उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ में हो रहे लोकसभा उपचुनाव आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिशा तय करेंगे। रामपुर सीट से समाजवादी पार्टी ने आसिम रजा को टिकट दिया है तो वहीं बीजेपी ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। कांग्रेस ने उपचुनाव न लड़ने का फैसला किया है। वहीं बीएसपी रामपुर से प्रत्याशी नहीं उतारेगी। जबकि आजमगढ़ में पार्टी ने गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाया है।
रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम लोधी कभी आजम खान के करीबी माने जाते थे। 2016 में घनश्याम लोधी को एमएलसी बनाने के लिए आजम खान ने पूरी ताकत लगा दी थी। सपा ने वहां से पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया था, लेकिन आजम ने सपा द्वारा घोषित उम्मीदवार का नाम कटवाकर अपने करीबी घनश्याम लोधी को टिकट दिलवाया और उनका सिंबल आखिरी समय में हेलिकॉप्टर से भेजा गया। बाद में घनश्याम लोधी ने जीत हासिल की और एमएलसी बन गए।
2022 में घनश्याम लोधी का कार्यकाल खत्म हुआ और उन्होंने बीजेपी का दमन थाम लिया। घनश्याम लोधी पहले भी बीजेपी में रह चुके हैं और उन्होंने 2011 में सपा जॉइन की थी। लेकिन अब घनश्याम लोधी बीजेपी के टिकट पर आज़म खान के करीबी आसिम रजा के खिलाफ मैदान में हैं। मुस्लिम वोट रामपुर में निर्णायक होंगे और इसीलिए आसिम रजा का पलड़ा भारी माना जा रहा है।
वहीं आसिम रजा, जो सपा से उम्मीदवार हैं वह भी आजम खान के करीबी हैं। आसिम रजा पर कई मुक़दमे भी दर्ज हैं। आसिम रजा पहले कांग्रेस में थे लेकिन बाद में आजम खान के कहने पर वो सपा में शामिल हुए थे। 2018 के बाद आसिम रजा पर कई मुक़दमे भी दर्ज हुए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन वो आजम खान के साथ मुश्किल हालातों में भी खड़े रहे और अब आजम खान ने उन्हें ईनाम दिया है।
अखिलेश यादव उपचुनाव में मुस्लिम यादव समीकरण के सहारे मैदान में उतर रहे हैं। सपा को उम्मीद है कि इससे उनका कोर वोट बैंक पार्टी के साथ जुड़ा रहेगा और जो नाराजगी की खबरे चल रही हैं वो भी दूर हो जाएगी। इसी कारण पार्टी ने आजमगढ़ से धर्मेन्द्र यादव को उम्मीदवार बनाया है।