आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की हार के बाद अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी को 8000 से अधिक वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। वहीं रामपुर में सपा को 42 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार नहीं किया था। सपा के ही सहयोगी अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव द्वारा उपचुनाव में प्रचार न करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि अगर अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार किया होता तो आजमगढ़ में 8500 वोटों का अंतर नहीं होता और सपा चुनाव जीत जाती।

ओमप्रकाश राजभर यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अखिलेश माने या ना माने लेकिन वह अपनी ही गलती से सरकार में नहीं आए हैं और उन्होंने अपनी गलती से कोई सीख भी नहीं ली है। ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश को संगठन के नेताओं को साथ लेकर चलना चाहिए और एसी कमरे से बाहर निकल कर जमीन पर जाना चाहिए। अखिलेश यादव को राजनीति विरासत में मिली है।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जनता अखिलेश यादव को वोट देना चाहती है, लेकिन अखिलेश यादव वोट लेना ही नहीं चाहते। ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव ने जैसे ही संसदीय सीट से इस्तीफा दिया था, तुरंत उनको प्रत्याशी घोषित कर देना था। आखिरी समय में प्रत्याशी घोषित करना सपा की हार का बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हम लोग साथ हैं, तब हम वहां तक पहुंचे थे।

ओमप्रकाश राजभर ने शिवपाल सिंह यादव को भी लेकर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अखिलेश और शिवपाल साथ हैं। भले ही वो अलग दिखे, लेकिन समय आने पर साथ हो जाते हैं। साथ ही ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। घोसी, लालगंज, अंबेडकरनगर, आंवला और सलेमपुर में उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए कहा है।