सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओपी राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरे हाल ही में उन्होंने एक भाषण दिया है, जिसे लेकर वे एक बार दिर चर्चा में आ गए हैं।

विधानसभा सत्र के दौरान गौशालों में  गायों की हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार गायों की देखभाल के लिए गौशालों को प्रति गाय के हिसाब से 30 रुपए देती है। आप ही बताइए आज के समय में जब एक आदमी का पेट 30 रुपए के भोजन में नहीं में भरा जा सकता है तो फिर गाय का कहां से भर जाएगा। प्रदेश सरकार की गौशालों में जाकर गायों की हालत ऐसी हो जाती हैं कि वे “डुगुर-डुगुर” करने लगती है।

आगे राजभर ने “डुगुर-डुगुर” का मतलब समझाते हुए कहा कि गौशालों में जाकर एक स्वस्थ्य गाय की हालत भी खराब हो जाती है। वह अपने पैरों पर खड़ी तक नहीं हो पाती है।

भाजपा में संकल्प पत्र की वादा याद दिलाया: ओपी राजभर ने सदन में भाषण देते हुए भाजपा को संकल्प पत्र का वादा याद दिलाते हुए कहा कि चुनावों के दौरान भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के युवाओं से वादा किया था कि सरकार दोबारा चुनी जाने पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराएगी, लेकिन सरकार की ओर से बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया।

आगे उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि अधीनस्थ चयन आयोग ने पिछले 3 सालों के दौरान एक भी भर्ती नहीं निकाली है। वहीं, लोक सेवा आयोग की हुई परीक्षाओं में पिछड़ा वर्ग के बच्चों की मेरिट सामान्य वर्ग के बच्चों से भी अच्छी रही है। ऐसे में मैं सरकार से सवाल करना चाहता हूं कि हमें फिर आरक्षण का लाभ क्या मिल रहा है? मैं इसलिए कहना चाहता हूं कि राज्य में जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है। 1931 में आखिरी बार देश में जातिगत जनगणना हुई थी। इस बार सरकार ने बजट में भी एक भी रुपया जातिगत जनगणना के लिए नहीं दिया है।

इसके अलावा राजभर ने पिछड़ा वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप ना मिलने को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले साल पिछड़ा वर्ग के 65 फीसदी बच्चों को स्कॉलरशिप नहीं मिली थी। जब मैं भाजपा के साथ था तो 50 फीसदी से अधिक पिछड़ा छात्रों को स्कॉलरशिप दिलाई थी। इस बार सरकार ने बजट में 1600 करोड़ रुपए स्कॉलरशिप के लिए रखे हैं, जिसमें से कहा जा रहा है कि 400 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। आप इतिहास उठाकर देख लीजिए कभी भी केंद्र सरकार की ओर से 200 करोड़ से अधिक रुपए स्कॉलरशिप के लिए नहीं आए हैं। वहीं, उन्होंने स्कॉलरशिप के बजट को नाकाफी बताया।