बिसरख के मंदिर में रावण की मूर्ति की स्थापना से दो दिन पहले मंगलवार को कुछ लोगों ने जमकर हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की। रावण की प्रतिमा को खंडित करने के अलावा उपद्रवियों ने मंदिर में लगी दशकों पुरानी मूर्तियों को भी तोड़ डाला। बताया जा रहा है कि 30-40 लाठियां, डंडे और बंदूक लेकर पहुंचे लोगों ने मंदिर में तोड़-फोड़ की। इन्हें भाजपा, लोक रक्षा दल और गौरक्षा दल से जुड़ा बताया गया है। इलाके में शांति-व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है।

मंदिर के पुजारी अशोकानंद महाराज ने बताया कि 11 अगस्त को मंदिर में राम के साथ रावण की मूर्ति की स्थापना की जानी थी। साथ ही भगवान गणेश और रावण के पिता ऋषि विशर्वा की भी मूर्ति भी लगाई जानी थी। इससे पहले ही कुछ संगठनों ने रावण के मंदिर में तोड़-फोड़ कर मूर्ति खंडित कर दी।

उल्लेखनीय है कि बिसरख में रावण का मंदिर आस्था का प्रतीक है, जिसके चलते इसे बिसरख धाम की संज्ञा दी गई है। पिछले 5 सालों से मंदिर में रावण की मूर्ति स्थापना की तैयारी चल रही थी। इसके लिए मंदिर के पुनर्निमाण में करीब 2 करोड़ रुपए भी खर्च किए गए थे। गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ, दिल्ली के कालकाजी मंदिर, डासना के प्राचीन देवी मंदिर आदि के महंतों न राम के साथ रावण की मूर्ति स्थापित करने का विरोध भी किया था।