चुनावी हार के बाद यूपी की राजनीति में घमासान मचा है। पहले रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के साथ सपा पर टिकट बेचने के गंभीर आरोप जड़े तो अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुलायम सिंह और अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खुद को बीजेपी की बी टीम बताने पर मायावती का कहना है कि ये काम तो मुलायम और अखिलेश करते रहे हैं।

मायावती ने ट्वीट करके कहा कि बीजेपी से बीएसपी नहीं बल्कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह खुलकर मिले हैं। उन्होंने बीजेपी के पिछले शपथ ग्रहण में अखिलेश को पीएम मोदी से आर्शीवाद भी दिलाया है। अब अपने काम के लिए सपा के एक सदस्य को बीजेपी में भेज दिया है। उनका दावा है कि यह जग-जाहिर है। बकौल मायावती यूपी में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे।

उधर, सोशल मीडिया पर लोगों ने मायावती पर जमकर भड़ास निकाली। एक यूजर ने लिखा कि आप आराम करिए कुछ बोलने की जरूरत नहीं है अभी राजस्थान में एक घटना हुई है, पता है कि नहीं। आदित्य गोंड ने लिखा कि केवल अपने बचाव के लिए आपने तो दलितों के लिए आवाज उठाना ही बंद कर दी। रितेश का कहना था कि अरे नहीं भाई बहन जी आवाज उठाती तो हैं सपा के खिलाफ। उनको सपा को हराना है चाहे उनकी पार्टी अब एक से 0 पर क्यों न ही आ जाए।

कृष्ण आजाद का कहना है कि हमारी लड़ाई 85 बनाम 15 है। बीएसपी और सपा आपस में लड़ रहे हैं। इससे जाहिर होता है बहुजनों की सरकार इस प्रदेश में कभी नहीं आने वाली। शिव प्रकाश बुद्धा का कहना था कि सपा 85 की बात कब करती है। अगर सपा दलित मुसलमानो को बराबर का हिस्सा देती तो आज सत्ता में होती। सपा खुद ओबीसी को हिस्सा नही देती है।

https://www.youtube.com/watch?v=Pu-PXSVxMFg

जनजागरण के हैंडल से ट्वीट किया गया कि आप कभी सुधर नहीं सकती हैं। ये भी जग ज़ाहिर है। ब्राह्मण सम्मेलन करवा कर कितना वोट मिला आपको? कांशीराम और बाबा साहेब के विचारों से कोसो दूर हैं आप। भक्त को छोड़ कर अब कोई आपके झाँसे में नही आने वाला। विपिन कुमार का कहना है कि तुम लोग सिर्फ सपा से ही लड़ते-लड़ते अपना वजूद खो दोगे और आरक्षण भी खत्म करवाओगे। मायावती जी को बीजेपी के खिलाफ बोलने के लिए कोई परहेज है क्या।