उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के पहले अपनी समानान्तर सरकार चलाने वाले माफिया योगी राज में घुटनों के बल हैं। मुख्तार, अतीक, विजय मिश्रा सरीखे सैकड़ों माफियाकी योगी सरकार ने कमर तोड़ कर रख दी है। योगी के खौफ का आलम यह है कि गैंगस्टर एक्स के तहत बीते पांच सालों में जनवरी 2020 से 2022 तक इन माफिया की 3190.82 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के अब तक के इतिहास पर यदि निगाह डालें तो ये एक रेकार्ड है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 62 माफिया और उनके गिरोह के 896 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में 178 के विरुद्ध गुण्डा एक्ट, 884 गैंग्स्टर एक्ट, 13 एनएसए के तहत सलाखों के पीछे हैं। ये वे अपराधी हैं, जिनके खौफ के कारण जनता का जीना मुश्किल था। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रदेश में अपनी जड़ें जमा चुके ऐसे अपराधियों के विरुद्ध हुई कार्रवाई का सिलसिला बदस्तूर जारी है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक गैंगस्टर एक्ट में पांच सौ करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है।
इसी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में अपराधियों की हालत कितनी खस्ता है। उत्तर प्रदेश के माफिया की बात की जाए तो उनकी फेहरिस्त बहुत लम्बी है। शुरुआत प्रदेश के पूवी हिस्से से करते हैं। इस इलाके में दशकों से प्रयागराज में अतीक अहमद, गाजीपुर में मुख्तार अंसारी, वाराणसी जिले में बृजेश कुमार सिंह, आजमगढ़ में ध्रुव कुमार सिंह, अम्बेडकरनगर में खान मुबारक का जलजला था। प्रदेश को माफिया ने किसकदर अपनी गिरफ्त में ले रखा था इसकी बानगी देखिए। हर जिले का एक माफिया था और हर माफिया का अपपस में गठजोड़।
मेरठ में उधम सिंह व योगेश भदौड़ा, बागपत में अजीत हप्पू, मुजफ्फरनगर में सुशील उर्फ मूंछ, संजीव जीवा महेश्वरी, शामली में आकाश जाट, गौतमबुद्वनगर में सुंदर भाटी, सिंगराज भाटी, अंकित गुर्जर, अनिल दुजाना, अनिल भाटी, गाजियाबाद में अमित कसाना, बिजनौर में मुनीर, लखनऊ में ओमप्रकाश ाीवास्तव उर्फ बब्लू श्रीवास्तव, तीन सगे भाई सलीम, शोेहराब, रूस्तम, गाजीपुर में उमेश राय उर्फ गौरा राय के नाम शामिल हैं। ये वे नाम हैं जो प्रदेश में क्षेत्रीय दलों की सरकार में पैदा हुए और देखते ही देखते उन्होंने सरकार में अपनी खासी दखल बना ली।
इनमें से कई ने चुनाव लड़ा और विधायक भी हुए। इनके गिरोह का विस्तार रक्तबीज सरीखा था। योगी सरकार ने प्रदेश के 25 कुख्यात माफिया और उनके 636 सहयोगियों के विरुद्व कार्रवाई की। इनके 259 शस्त्र लाइसेन्स निरस्त किए जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन्हें सरकारी कृपा पर दिए गए थे। इन माफिया के अलावा प्रदेश के आठ अपराधियों के विरुद्ध भी कार्रवाई हुई।
इनसे 42 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की सम्पत्ति या तो जब्त की गई या उन्हें जमींदोज कर दिया गया। इन आठ अपराधियों में समाजवादी पार्टी में सरकार की सरपरस्ती हासिल करने वाला लखनऊ का लल्लू यादव, अम्बेडकरनगर का अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, प्रयागराज का दिलीप मिश्रा, बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी, राजेश यादव मुलायम यादव, मऊ का रमेश उर्फ काका और गोरखपुर का संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी शामिल हैं।
प्रदेश को माफिया और अपराधियों के चंगुल से मुक्त कराने के अभियान के बारे में एसीएस होन अवनीश अवस्थी कहते हैं, उत्तर प्रदेश में कानून से जो भी खिलवाड़ करेगा, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हमारा संकल्प उत्तर प्रदेश को अपराध और अपराधियों, दोनों से मुक्त करना है। इस संकल्प को हम हर हाल में पूरा कर के ही मानेंगे।