भाजपा के तेजतर्रार नेता योगी आदित्यनाथ ने यह बयान देकर फिर से विवाद खड़ा कर दिया है कि सूर्य नमस्कार का विरोध करने वालों को समुद्र में डूब जाना चाहिए।

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान होने वाले आयोजनों में सूर्य नमस्कार को शामिल किए जाने को लेकर कुछ मुसलिम संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी योग का विरोध किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में गोरखपुर के सांसद आदित्यनाथ के बयान से विवाद खड़ा हो गया और विपक्ष ने उन पर सांप्रदायिक बंटवारा पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

संघ विचारक एमजी वैद्य ने कहा कि जो लोग योग और सूर्य नमस्कार का विरोध कर रहे हैं, वे राष्ट्र की अवधारणा में भरोसा नहीं करते। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विवाद को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इसमें भाग लेना पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसे किसी जाति, धर्म या सम्प्रदाय से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। आदित्यनाथ ने इस विवाद पर कहा, ‘सूर्य ऊर्जा का स्रोत है जिससे हमें जिंदगी मिलती है। जो कोई भी सोचता है कि सूर्य सांप्रदायिक है, तो मैं उससे विनम्रता पूर्वक आग्रह करना चाहूंगा कि समुद्र में जाकर डूब जाएं या फिर अंधेरी कोठरी को ठिकाना बना लें।’

उन्होंने वाराणसी में एक धार्मिक कार्यक्रम में कहा, ‘भगवान सूर्य ने जाति, नस्ल या धर्म के आधार पर किसी को अपने प्रकाश से वंचित नहीं किया है। इसके बावजूद अगर वे सूर्य को सांप्रदायिक बताते हैं, मुझे उनकी सोच पर हंसी आती है।’ अपने बयानों से अक्सर विवाद पैदा करने वाले भगवा नेता ने कहा, ‘और मेरा उनसे अनुरोध है कि उन्हें सूर्य की रोशनी या उसकी गर्मी नहीं लेनी चाहिए।’

आदित्यनाथ की टिप्पणी से पहले आॅल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि स्कूलों में सूर्य नमस्कार और योग को शामिल किए जाने के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। वहीं गृह मंत्री ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘आगामी 21 जून को योग दिवस के मौके पर योग करना कोई मजबूरी नहीं होगी। जिसकी मर्जी हो करे, और जिसकी न हो वह न करे। लेकिन हमारी अपील है कि इसमें अधिक से अधिक लोगों को शामिल होना चाहिए। योग में उस दिन क्या करना है इसके लिए पुस्तिका जारी हो चुकी है।’

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भाजपा नेता आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सांप्रदायिक दरार पैदा करना चाहते हैं और जोर दिया कि कोई भी अपनी मान्यताओं को दूसरे नागरिकों पर थोप नहीं सकता। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आदित्यनाथ की टिप्पणी का मजाक बनाते हुए कहा कि कई लोगों को अब अपना बैग पैक करना होगा। कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा ने कहा, ‘जब भी वह (आदित्यनाथ) बोलते हैं, जहर उगलते हैं। उन्होंने सांप्रदायिक बयान देकर सांप्रदायिक दरार पैदा करने की कोशिश की है। यह कहने का क्या औचित्य है कि जो ऐसा नहीं करना चाहते उन्हें देश से बाहर चले जाना चाहिए।’

समाजवादी पार्टी के गौरव भाटिया ने याद दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल में अपने पार्टीजन से कहा था कि इस तरह के बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘एक बार फिर हम आदतन भड़काऊ बयान देने वाले योगी आदित्यनाथ को ऐसे बयान देते सुन रहे हैं। हमारे देश में हर किसी को अपना धर्म और अपनी मान्यता मानने का अधिकार है और कोई भी किसी नागरिक को अपनी मान्यता मानने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।’

आदित्यनाथ के बयान पर टिप्पणी करते हुए उमर ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत में अधिक जनसंख्या का समाधान निकल गया है। अब हममें से कई लोगों को बैग पैक करना होगा। एक तीर दो शिकार।’

*भारत में अधिक जनसंख्या का समाधान निकल गया है। अब हममें से कई लोगों को बैग पैक करना होगा। एक तीर दो शिकार।
– उमर अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री

*जब भी वह (आदित्यनाथ) बोलते हैं, जहर उगलते हैं। उन्होंने सांप्रदायिक बयान देकर सांप्रदायिक दरार पैदा करने की कोशिश की है।
– रीता बहुगुणा, कांग्रेस नेता