तमाम सुविधाओं से लैस होने के बावजूद यूपी में गुंड़ों से निपटने के मामले में राजधानी लखनऊ की पुलिस है सबसे ज्यादा फिसड्डी है। इस बात का खुलासा एक रूटिन एक्सरसाइज में हुआ। पुलिस की परफॉर्मेंस जांचने के लिए 25 दिसबंर को डीजीपी कार्यालय ने राज्य के आठ पुलिस प्रमुखों को रूटिन एक्सरसाइज करने का निर्देश दिया था।
निर्देश के अनुसार मल्टीप्लेक्सों और सिनेमाघरों के बाहर तैनात होकर रूटिन एक्सरसाइज की जानी थी। इसका उद्देश्य यह जांचना था कि सड़कों पर होने वाली गुंडागर्दी और सार्वजनिक उपद्रव को रोकने में पुलिस कितनी सक्षम है। यह अभ्यास वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, इलाहाबाद, कानपुर, आगरा, बरेली और मेरठ जिलों में किया गया। जिसमें करीब 855 लोग मौजूद थे।
बता दें कि मल्टीप्लेक्सों, सिनेमाघर और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सबसे ज्यादा संख्या लखनऊ में ही है। लखनऊ से सिर्फ आठ लोगों को और वाराणसी से 212 को गिरफ्तार किया गया। वहीं गोरखपुर 189 को हवालात में डाला गया। इस पर हाईकोर्ट के वकील रोहित कांत का कहना है कि आकंडे तो यही बताते हैं कि शहर में होने वाले उपद्रव को रोकने में यूपी पुलिस की कोई दिलचस्पी नहीं है।
गौरतलब है कि यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। यूपी में लूट, हत्या, रेप जैसी आपराधिक घटनाएं होना जैसे आम बात हो गई है। वहीं यूपी पुलिस हर बार ऐसे मामलों को रोकने में असमर्थ दिखाई दी है।