लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से भाजपा में आए और पूर्व डीएसपी रहे शैलेद्र सिंह पर दर्ज केस खत्म होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ साल पुराने इस मुकदमे को हटाने का आदेश भी जारी कर दिया है । केस हटाने का यह फैसला राज्य सरकार ने पिछले साल 20 दिसंबर को दिया था। लखनऊ के अतिरिक्त अभियोजन अधिकारी संदीप पांडेय ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच इस मामले की सुनवाई आगामी 13 फरवरी को करेगी। लखनऊ पीठ के सामने यह मामला पिछले हफ्ते ही पहुंचा है ।
घटना 2008 की है। जब लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने राज्य सूचना आयोग के दफ्तर के बाहर हंगामा करने के आरोप में शैलेंद्र सिंह और उनके समर्थकों पर केस दर्ज किया था। शैलेंद्र सिंह चंदौली के रहने वाले हैं और 2012 में गृहजनपद की सैयद राजा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर हार चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस के ही टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव भी लड़े थे। बाद में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर वे भाजपा में आ गए।
लखनऊ के ज्वाइंट डायरेक्टर, प्रोसीक्यूशन सत्य प्रकाश ने कहा-”राज्य सरकार ने लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट को शैलेंद्र सिंह पर दर्ज मुकदमा हटाने का आदेश दिया है। डीएम की रिपोर्ट के बाद हम मुकदमा हटाने की अर्जी लेकर कोर्ट जाएंगे।”
शैलेंद्र सिंह का कहना है कि-” 25 सितंबर 2008 को वे राज्य सूचना आयोग के सामने धरना कर रहे थे। एक सूचना आयुक्त के रवैये के विरोध में यह प्रदर्शन था। उस समय पुलिस ने उन पर और चार अन्य लोगों पर नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। जबकि पुलिस ने सिर्फ चार्जशीट उनके खिलाफ दायर किया।”
दरअसल पिछले साल दिसंबर में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजनीतिक कारणों से दर्ज 20 हजार से अधिक मुकदमे हटाने के आदेश जारी किए थे। तर्क दिया गया था कि राजनीतिक विद्वेषपूर्ण भावना से दर्ज मुकदमों के कारण लोगों का कोर्ट का चक्कर काटना पड़ रहा है। इस नाते डीएम की रिपोर्ट के बाद केस हटाने की व्यवस्था की गई। हालांकि सोशल मीडिया पर इस फैसले पर सवाल भी लोग उठाते रहे हैं।