समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रुपए को बंद करने के फैसले पर असहमती जताई है और कहा है कि इस फैसले को टाल दिया जाए। मुलायम सिंह ने कहा कि फैसले से आम लोगों को दिक्कत उठानी पड़ रही है, ऐसे में कम से कम एक हफ्ते के लिए इस फैसले को टाला जाए। उन्होंने कहा कि वह भी हमेशा से कालेधन के खिलाफ रहे हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से गंभीर स्थिति पैदा हुई है और आम लोग नोट बंद होने से परेशान हैं।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राम मनोहर लोहिया के बाद अगर किसी ने कालेधन के खिलाफ सच्ची लड़ाई लड़ी है तो वह समाजवादी पार्टी ही थी। मुलायम सिंह ने कहा कि “हम भी चाहते हैं देश में कालाधन वापस आए और इसका इस्तेमाल देश के विकास में हो। हम नहीं चाहते कि चुनाव में कोई भी पार्टी कालेधन का इस्तेमाल करे। मुलायम सिंह ने कहा, “भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कालाधन वापस लाने का फैसला किया था। लेकिन आम लोगों का कालेधन को लेकर दबाव पड़ने के बाद उन्होंने नोटों पर ही बैन लगा दिया। केंद्र सरकार ने इस फैसले से पूरे देश में अराजकता फैला दी है। आम लोग रोजमर्रा का सामान भी नहीं खरीद पा रहे।”
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इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले पर गुरुवार को एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस की। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि इससे सरकार ने आर्थिक आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने आने वाले कई सालों का इंतजाम कर लिया है और देश में नोटों की बंदी लगा दी। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों को ही दिक्कत होगी, क्योंकि सरकार ने धन्ना सेठों का पैसा विदेश पहुंचा दिया है। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोटों पर लगाम कसने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर को ऐलान किया था कि देशभर में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाएंगे। वहीं इनकी जगह 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए जाएंगे।
Govt has spread anarchy in entire country, common man is not even able to buy daily products: SP Chief Mulayam Singh Yadav pic.twitter.com/WxQiBgJlLP
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 10, 2016