कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सामने उत्‍तर प्रदेश की अंर्तकलह बुधवार को खुलकर सामने आ गई। लखनऊ में आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडल के पार्टी नेताओं के साथ बैठक में दो कांग्रेसी नेता आपस में गुत्‍थमगुत्‍था हो गए। पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं के हस्‍तक्षेप पर मामला शांत हुआ।

बैठक के दौरान सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र के मुद्दे और परेशानियां गिना रहे थे। इसी बीच बलिया के कांग्रेस जिलाध्‍यक्ष ने पार्टी के दो पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सलाह दी। दोनों पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे।

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जैसे ही जिलाध्‍यक्ष ने बोलना शुरू किया तो दोनों ने टोकटाकी शुरू कर दी। कुछ देर तक तीनों नेताओं में बहस चली, मगर जल्‍दी ही नौबत हाथापाई पर उतर आई। हालात बिगड़ते देख पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं ने आपे से बाहर नेताओं को शांत कराया।

बैठक में प्रशांत ने कार्यकर्ताओं को मीडिया में चल रही खबरों से प्रभावित ना होने को कहा है। प्रशांत 28 मई तक ऐसी ही बैठकें जारी रखना चाहते हैं। प्रशांत ने कहा कि समर्पित कार्यकर्ता ढूंढने में नाकाम रहने पर आपसी लड़ाई और गुटबाजी जैसे बहाने नहीं चलेंगे।

प्रशांत किशोर को कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने नियुक्‍त किया है। राहुल ने प्रशांत को उत्‍तर प्रदेश में चुनावी रणनीति बनाने के लिए भेजा है। इसके लिए गांधी ने प्रशांत को मनमुताबिक काम करने की खुली छूट दे रखी है। प्रशांत की कार्यशैली को लेकर उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के नेता सहज नहीं महसूस कर रहे हैं।