देशभर में 500 और 1000 रुपए के मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए है और यूपी चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार ने आर्थिक आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी है। 500 और 1000 के नोट पर बैन लगाने को लेकर मायावती ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने आने वाले कई सालों का इंतजाम कर लिया है और देश में नोटों की बंदी लगा दी। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों को ही दिक्कत होगी, क्योंकि सरकार ने धन्ना सेठों का पैसा विदेश पहुंचा दिया है।

बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की नीयत साफ नहीं है।  इस फैसले को बिलकुल गलत बताते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा, “उनकी सरकार को बने हुए 2.5 साल से ज्यादा हो गए, विदेशी बैंकों में पड़े कालेधन का क्या हुआ? अगर उन्हें सच में कालाधन बाहर लाना चाहते थे तो यह फैसला 2 साल पहले क्यों नहीं लिया।” उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले तो बड़े व्यापारियों का पैसा विदेश पहुंचा दिया और अब वह कालाधन वापस लाने की बात कर रहे हैं।

500 और 1000 रुपए के नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर दिखी लोगों की लंबी कतारें

बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले गरीबों के बारे में नहीं सोचा। मायावती ने कहा, ‘मैं कहना चाहती हूं कि इस फैसले से कालाबाजारी बढ़ गयी है। कुछ देर के लिए पेट्रोल पम्पों पर लूट हुई। भाजपा ने उनसे साठगांठ की है कि जितना कमाना है कमा लो, कुछ हिस्सा हमको दे देना। अस्पतालों और मेडिकल स्टोर पर लोगों को भारी परेशानियां हुर्इं।’उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा नुकसान गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबारियों को हुआ। भाजपा का वोट बैंक वे गरीब लोग नहीं हैं। जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा एण्ड कम्पनी को इसकी सख्त सजा देगी।