उत्तर प्रदेश सरकार बदलते ही प्रदेश के अवैध बूचड़खानों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश सरकार ने गौवध और तस्करी रोकने के कडे़ निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही अवैध रूप से संचालित पशु वधशालाओं को तुरंत बंद करने की कार्रवाई के लिए भी निर्देश दिए हैं। तेजी से बंद हो रहे अवैध बूचड़खानों से प्रदेश में मांक की आपूर्ती पर फर्क पड़ रहा है। एक तरफ जहां लखनऊ के मशहूर टुंडे कबाब की दुकान 100 साल में पहली बार एक दिन के लिए बंद रही। तो वहीं दूसरी और इटावा में स्थित लाइन लायन सफारी के शेरों पर भी इसका फर्क पड़ रहा है। इटावा की लायन सफानी में तीन जोड़ी शेर शेरनी और दो शावक हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इनके लिए भैंसे का गोस्त का बंदोबस्त करने में सफारी प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। भैसों के गोश्त नहीं मिलने पर अब इनके लिए हर रोज पचास किलो बकरे के गोश्त की सप्लाई की जा रही है। लाइन सफारी में गोश्त की सप्लाई करने वाले ठेकेदार इससे काफी परेशान हैं। भैसों का गोश्त नहीं मिलने से उन्हें महंगा बकरे का मीट देना पड़ रहा है। वहीं शेर भी पर्याप्त मीट नहीं मिलने से भूखे मरने जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। ठेकेदार की मांग है कि लायन सफारी के लिए तो सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए।
अवैध बूचड़खानों के साथ साथ यांत्रिक बूचड़खानों को बंद कराने पर सरकार कोई फैसला ले सकती है। बीजेपी के घोषणा पत्र में भी ये मुद्दा था। हालांकि सरकार के फैसले के खिलाफ आल इण्डिया मीट एण्ड लाइवस्टाक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि अवैध बूचड़खाने बंद किये जाने का कदम तो ठीक है लेकिन जहां तक लाइसेंसी यांत्रिक बूचड़खानों को बंद करने के भाजपा के चुनाव घोषणापत्र के वादे पर अमल का सवाल है तो यह केन्द्र में इसी पार्टी की नीतियों के प्रति विरोधाभासी कदम होगा और एसोसिएशन जरूरत पड़ने पर इसे अदालत में चुनौती देगी।