उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर खूब निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश मोदी को नहीं अब नया प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि आज जीएसटी से हर वर्ग परेशान है। ठेले वालों को भी इस टैक्स से परेशानी हो रही है। नोटबंदी का भी कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान उन्होंने साधु-संतों को बीस हजार पेंशन देने की वकालत की। अखिलेश ने पत्रकारों को भी पेंशन देने की बात कही।
एक महिला पत्रकार के सवाल के जवाब में यूपी के सीएम ने कहा कि अगर वह अपने कार्य में अच्छी रहेंगी, जैसे कई पत्रकारों को यश भारती सम्मान मिला है वैसे ही उन्हें भी सम्मान के तहत पचास हजार रुपए महीना दिया जाएगा। अखिलेश ने पत्रकार से कहा, ‘इसके लिए आपको समाजवादी पार्टी की अच्छी स्टोरी लिखनी पड़ेगी। अगर पत्रकार आज से सपा के पक्ष में स्टोरी लिखना शुरू करें तो ढाई साल में ही इंतजाम हो जाएगा कि अगला कोई सम्मान आपको प्राप्त होगा।’
उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकारों को यह सम्मान मिल चुका है। प्रेस वार्ता में अखिलेश ने रामायण और राम का किरदार निभाने वालों को भी पेंशन देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि जो लक्ष्मण बनते हैं उन्हें भी पेंशन दी जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘सीता का किरदार निभाने वाले को भी पेंशन दी जाए। अगर खजाने में थोड़ा पैसा बच जाए तो रावण को भी दे देना।’ अखिलेश ने कहा कि वो महिलाओं को दो हजार रुपए महीना समाजवादी पेंशन देंगे।
बता दें कि गठबंधन में कांग्रेस के बाहर रखे जाने पर अखिलेश ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति ”अपार सम्मान” के बावजूद सबसे पुरानी पार्टी को उत्तर प्रदेश में चुनावी गठबंधन से इसलिए बाहर रखा ताकि ”चुनावी अंकगणित” को सही रख हुए भाजपा को मात दी जा सके।’ चुनावों के बाद कांग्रेस के साथ काम करने की संभावना को खारिज किए बिना अखिलेश ने कहा कि पार्टी के साथ उनके संबंध अच्छे हैं और वह ‘‘खुश’’ होंगे अगर अगला प्रधानमंत्री उनके गृह राज्य से हो।