RSS Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को अपनी विचारधारा को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने सोमवार को बड़ा बयान दिया। भागवत ने कहा कि आरएसएस के लिए कोई भी बाहरी (पराया) नहीं है। सगंठन ‘सर्व लोकायुक्त भारत’ में विश्वास करता है।

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक बंद कमरे में हुई बैठक को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘हम लोग तो सर्व लोकयुक्त भारत वाले लोग हैं, मुक्त वाले नहीं। आरएसएस सभी को साथ लेकर चलने के नजरिए का समर्थन करता है। भागवत अपनी चार दिवसीय लखनऊ यात्रा के अंतिम दिन बोल रहे थे।

पिछले हफ्ते लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। इस घटना के बाद से विपक्षी दल आरएसएस की विचारधारा पर निशाना साध रहे हैं।

भागवत ने 2018 में नई दिल्ली में ‘भारत का भविष्य: एक आरएसएस परिप्रेक्ष्य’ विषय पर एक सम्मेलन में बोलते हुए इसी तरह की बात कही थी, जब “कांग्रेस मुक्त भारत” भाजपा की चुनावी राजनीति का विषय रहा है। 2018 में भागवत की टिप्पणी के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने “कांग्रेस मुक्त भारत” का आह्वान करना लगभग बंद कर दिया।

अब, 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले आरएसएस प्रमुख ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2018 का वही बयान दोहराया। क्योंकि उत्तर प्रदेश से लोकसभा के सबसे ज्यादा सदस्य चुनकर जाते हैं। साथ ही यूपी में भाजपा को हाल के उपचुनावों में मुस्लिमों के रूप में झटका लगा है। वहीं दलितों ने बड़े पैमाने पर समाजवादी पार्टी को वोट दिया। ऐसे में भाजपा 2024 के चुनावों से पहले उनका समर्थन हासिल करने के लिए पहले से ही पसमांदा मुसलमानों और दलितों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है।

सोमवार को अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि आरएसएस सभी को साथ लेकर नजरिए पर भरोसा करता है। साथ ही सभी को इसके लिए आमंत्रित भी करता है। उन्होंने कहा, ‘इसमें संघ का पराया कोई नहीं, जो आज हमारा विरोध करते हैं, वो भी हमारे हैं। यह भी पक्का है कि उनके विरोध से हमारी किसी तरह की हानि न हो, इतनी चिंता हम जरूर करेंगे।’ भागवत ने सभा से आरएसएस स्वयंसेवकों को उनकी “सामाजिक सुधारों की अच्छी पहल” में समर्थन देने की अपील की।

भागवत की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बाद में कहा, “उन्होंने पुष्टि की है कि भारत एक ऐसा देश है जहां हर किसी का स्वागत होता है और स्वीकार किया जाता है। आरएसएस को सभी की स्वीकार्यता है। आरएसएस सभी के साथ समान व्यवहार करता है।