उत्तराखंड के बागेश्वर में हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे से INDIA गठबंधन के दो सहयोगियों, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच संबंधों में कुछ तनाव पैदा हो गया है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ने करीबी मुकाबले में अपने बागेश्वर उम्मीदवार की भाजपा से हार के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराया है और उस पर घोसी उपचुनाव के मामले में उसके रवैये के विपरीत गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।

बागेश्वर उपचुनाव में, सत्तारूढ़ भाजपा सीट बरकरार रखने में कामयाब रही, उसकी उम्मीदवार पार्वती दास ने कांग्रेस के उम्मीदवार बसंत कुमार को 2,405 वोटों से हराया। जहां पार्वती को 33,247 वोट मिले, वहीं बसंत को 30,842 वोट मिले। उत्तराखंड में सपा ने अपने उम्मीदवार भगवती प्रसाद को बागेश्वर मैदान में उतारा, जो सिर्फ 637 वोट हासिल कर सके।

कांग्रेस ने सपा पर लगाया आरोप

कांग्रेस ने हालांकि, अपने सहयोगी को समर्थन की पेशकश की और घोसी उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार को मैदान में उतारने से परहेज किया। घोसी में सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने भाजपा के दिग्गज ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान को 42,759 वोटों से हराया था।

इन उपचुनाव परिणामों के मद्देनजर, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने सपा पर बागेश्वर में अपना उम्मीदवार नॉमिनेट करके कांग्रेस उम्मीदवार की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, अजय राय ने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने से पहले ही घोसी में सपा को अपनी पार्टी का समर्थन दे दिया था।

कांग्रेस और सपा में तकरार

विपक्षी गठबंधन बनने के बाद ये पहले उपचुनाव थे। अजय राय ने कहा, हमने बड़े दिल से काम किया और उनके (सपा) समर्थन मांगने से पहले ही हमने उन्हें कागज पर और जमीन पर समर्थन देने की पेशकश की। विचार भाजपा को हराने के लिए एक साथ गठबंधन करने का था और हम घोसी में सफल रहे।”

उन्होंने दावा किया कि ऐसा नहीं है कि घोसी उपचुनाव के लिए कांग्रेस के पास उपयुक्त उम्मीदवार नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में कांग्रेस के राज मंगल यादव ने इस सीट पर भाजपा के फागू चौहान के खिलाफ काफी वोट हासिल किए थे, लेकिन फिर भी पार्टी ने अपने सहयोगी की खातिर उपचुनाव में अपने उम्मीदवार का नाम नहीं घोषित करने का फैसला किया।

बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस की हार

राय ने कहा कि हमने न केवल घोसी में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को लिखित रूप में समर्थन की पेशकश की, बल्कि राजमंगल और अन्य नेताओं ने हमारे गठबंधन के उम्मीदवार के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया। यहां तक ​​कि दिवंगत कल्पनाथ राय (कांग्रेस नेता) के परिवार के सदस्यों ने भी सपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार किया। राय ने आगे कहा, “बागेश्वर उपचुनाव में सपा ने अपना उम्मीदवार खड़ा करके कांग्रेस की स्थिति खराब कर दी, जिससे पार्टी की मामूली अंतर से हार हुई। उन्होंने सपा नेतृत्व को संदेश देते हुए कहा कि एक हाथ से ताली नहीं बजेगी।

सीट बंटवारे पर नहीं कोई चर्चा

वहीं, कांग्रेस के आरोप के जवाब में समाजवादी पार्टी ने कहा कि जब उन्होंने घोसी में समर्थन मांगा, तो कांग्रेस ने राजनीतिक शिष्टाचार के अनुसार कभी ऐसा नहीं किया। बागेश्वर उपचुनाव में हार पर कांग्रेस के आरोप के बारे में पूछे जाने पर, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “INDIA गठबंधन पूरी तरह बरकरार है लेकिन अभी तक सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। ऐसे में एक बुनियादी राजनीतिक मर्यादा होती है, जिसका पालन किया जाता है।

चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस नेतृत्व को पत्र लिखकर घोसी में समर्थन मांगा। हमने समर्थन मांगने के लिए उनसे फोन पर भी बात की लेकिन उन्होंने बागेश्वर में कभी इसकी मांग नहीं की।” उन्होंने यह भी कहा कि बागेश्वर उपचुनाव में सपा द्वारा अपना उम्मीदवार उतारने के बाद भी कांग्रेस खेमे ने पार्टी से उनका नाम वापस लेने के लिए नहीं कहा।