गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपी मुर्तजा अब्बासी पर यूएपीए तामील की गई है। उसे शनिवार को गोरखपुर के एसीजेएम की अदालत में पेश किया गया। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस मामले को एटीएस की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है। बीती चार अप्रैल को पहले मुर्तजा को 11 अप्रैल तक के लिए रिमांड पर दिया गया था। लेकिन बाद में एटीएस की मांग पर उसकी रिमांड अवधि बढ़ाकर 16 अप्रैल कर दी गई थी।
शनिवार सुबह गोरखपुर की सिविल कोर्ट परिसर में मुर्तजा अब्बासी को एटीएस की टीम लेकर पहुंची तो उसे देखने भीड़ जुट गई। कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील किया गया था। एटीएस अहमद मुर्तजा अब्बासी को 10.45 बजे एसीजेएम की कोर्ट में लेकर पहुंची। मुर्तजा इस दौरान एक घंटा 10 मिनट तक कोर्ट में रहा। एटीएस की दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने उस पर यूएपीए की धारा बढ़ा दी।
एडवोकेट पीके दुबे ने बताया कि उसे गोरखपुर जेल में रखा जा सकता है। लेकिन उसकी अगली पेशी लखनऊ में ही होगी। यूएपीए की धारा बढ़ने से अब अहमद मुर्तजा अब्बासी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एनआईए और एटीएस का शिकंजा आरोपी पर और ज्यादा कस जाएगा। एटीएस की जांच में उसके आतंकी संगठनों के साथ संबंधों को लेकर लगातार पूछताछ चल रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार पेशी के दौरान जज ने न तो मुर्तजा से कोई सवाल किया और न ही उसने कुछ बोला। वो चुपचाप एटीएस की दलील और कोर्ट की कार्रवाई को देखता रहा।
तीन अप्रैल को शाम करीब सात बजे मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी द्वार से अंदर घुसने की कोशिश की थी। रोके जाने पर उसने धारदार हथियार से पीएसी के दो जवानों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। गोरखनाथ मंदिर परिसर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास भी है। वो गोरक्ष पीठाधीश्वर भी हैं। उस वक्त वो वहां मौजूद नहीं थे।