यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस की गोली का शिकार बने विवेक तिवारी की बेटी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, विवेक तिवारी की बड़ी बेटी प्रियांशी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन उनकी मां के ऊपर मांगों को वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है।

विवेक तिवारी की बड़ी बेटी प्रियांशी अभी कक्षा 7 में पढ़ती है। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियांशी ने उन्हें बताया कि लखनऊ के डीएम और एसएसपी घर आए थे। वे मम्मी पर चिल्ला रहे थे और चुप रहने के लिए कह रहे थे। हमारे परिवार ने एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। अधिकारी उसे भी नहीं मान रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रियांशी ने बताया कि आखिरी बार उसकी अपने पिता से बातचीत शुक्रवार की सुबह 11 बजे हुई थी। वह परीक्षा देकर घर आई थी। पिता ने प्रियांशी से उसकी परीक्षा के बारे में पूछा था। प्रियांशी की मांग है कि योगी आदित्यनाथ उसके घर आएं और बात करें।

वहीं पुलिस की गोली का शिकार हुए विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने एएनआई से कहा,”मेरे पति का तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, जब तक मुख्यमंत्री हमसे मुलाकात नहीं करेंगे।” कल्पना तिवारी ने सीएम योगी को खत लिखकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की है। इसके अलावा एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग भी की है।

बता दें कि लखनऊ के गोमती नगर में शनिवार (29 सितंबर) को तड़के 1.30 बजे मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास दो सिपाहियों ने एसयूवी में सवार ‘एप्पल’ के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी थी। दोनों ही सिपाहियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश भी दिए गए हैं।

यूपी के एडीजी (लॉ एंड आॅर्डर) आनंद कुमार ने एएनआई से कहा,”यूपी के डीजीपी ने इस मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। एसपी क्राइम और एसपी ग्रामीण लखनऊ टीम के अन्य सदस्य होंगे। वे जल्द से जल्द इस मामले में अपनी रिपोर्ट देंगे।”