आमतौर पर लोग जन्मदिन के दिन ही अपना जन्मोत्सव मनाते हैं। लेकिन इलाहाबाद दक्षिण से विधायक और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इसे अपने पुनर्प्राप्त जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। सात साल पहले यानी साल 2010 में यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी। इसी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नंदगोपाल गुप्ता उर्फ नंदी को बम से उड़ाने की साजिश रची गई थी। इस साजिश में फरेंसिक टीम को आरडीएक्स इस्तेमाल करने के सबूत मिले थे। नंदी इस धमाके में बाल-बाल बच गए थे।
साल 2010 में नंदगोपाल गुप्ता नंदी बसपा सरकार में मंत्री थे। लेकिन साल 2018 में वह भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं। नंदी ने इस मौके का इस्तेमाल अपना सियासी रसूख दिखाने में भी किया। भव्य भंडारे का आयोजन करके उन्होंने पूरे इलाहाबाद शहर को आने का न्यौता दिया। इंतजाम से तो ऐसा अनुमान लगाया गया जैसे सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे लेकिन बाद में खुद नंदी ने बताया कि योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में नहीं आएंगे। हालांकि इस कार्यक्रम से पूर्वांचल की राजनीति के बड़े चेहरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और उनके करीब नेताओं ने दूरी बनाए रखी।
गुरुवार को मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ने बहादुरगंज के शिवमंदिर में पत्नी और इलाहाबाद की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी के साथ रुद्राभिषेक किया। उनके साथ बेटा अभिषेक, नमन और बेटी जान्हवी भी मौजूद थी। नंदी के समर्थकों ने दावा किया कि पूरे शहर में एक लाख पांच हजार कार्ड बांटे गए हैं। नंदी के बुलावे पर पहुंचने वाले करीब दो लाख लोगों ने भंडारे में भोजन किया।
इस भंडारे में आम लोगों के साथ ही यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, ओम प्रकाश राजभर, रणवेंद्र प्रताप सिंह, अनुपमा जायसवाल, एसपीएस बघेल के साथ सांसद विनोद सोनकर, विधायक नीलम करवारिया, डा. यज्ञदत्त शर्मा, डा. अजय भारतीय आदि शामिल हुए। भंडारे में इस दौरान पूड़ी, कचौड़ी, मटर-पनीर की सब्जी, कद्दू की सब्जी, दाल, चटनी, चावल और सूजी का हलवा परोसा गया था। इसे बनाने के लिए पांच जगहों पर करीब 600 हलवाइयों की टीम लगाई गई थी।
नंदी के पुनर्प्राप्त जन्म महोत्सव का असर पर पूरे इलाहाबाद शहर के बाजारों पर देखा गया। शहर में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मार्केट का हब लक्ष्मण मार्केट बंद रहा। जबकि चंद्रलोक चौराहे से जीरोरोड, सुलाकी चौराहे से मानसरोवर जाने वाली सड़क भी बंद की गई थी। बारिश के हालात को देखते हुए शहर में 12 वीं तक के स्कूल-कालेजों को बंद करने का निर्देश था।