उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के बाद सोमवार को हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार ने बताया कि एसएसपी बुलंदशहर कृष्ण बहादुर सिंह को DGP हेडक्वार्टर लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक सीतापुर प्रभाकर चौधरी बुलंदशहर के नए एसएसपी बनाए गए हैं।

इस बीच, शुक्रवार देर रात एडीजी एस बी शिरोडकर की गोपनीय जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को मिलने के बाद सरकार ने बुलंदशहर के दो पुलिस अधिकारियों के तबादले कर दिए थे। इनमें स्याना के पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्यप्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार शामिल हैं। तीन दिसंबर को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और स्थानीय युवक सुमित की हिंसा में मौत हो गई थी।

मंडल अधिकारी (सीओ) सत्य प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार को क्षेत्र में सोमवार को हुई घटना को सही समय पर काबू करने में नाकाम रहने पर स्थानांतरित किया गया है। यह निर्णय अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक एस.बी. शिराडकर द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था।

गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि खेत में कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बिगड़ी स्थिति को संभालने में नाकाम रहने की वजह से दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। वहीं पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी.सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। डीजीपी ने इस मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी।

इस बीच योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की इस घटना को दुर्घटना बताया है। उन्होंने पहले कहा था कि यह घटना एक बहुत बड़ी साजिश थी लेकिन शुक्रवार को दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह घटना वास्तव में एक दुर्घटना थी। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में कोई मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई है। बुलंदशहर में जो हुआ, वह एक दुर्घटना थी।” पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन मुख्य साजिशकर्ता व बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज गिरफ्त से बाहर है।