ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर बवाल मचा हुआ है। देश के ज्यादातर मुस्लिम नेता और धर्मगुरु वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं। कई मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने इसको लेकर विवादित बयान भी दिया है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि जिसे हिन्दू पक्ष शिवलिंग बता रहा है, दरअसल वो शिवलिंग नहीं बल्कि फाउंटेन यानी फव्वारा है। वहीं अब मौलाना तौकीर रजा ने पीएम नरेंद्र मोदी को धृतराष्ट्र बता दिया है।
मौलाना तौकीर रजा ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, “किसी भी नौसिखिये वकील को बाबरी मस्जिद का फैसला देदो, वो तुरंत बोलेगा कि ये फैसला गलत है। इतना अंधा कानून, इतने अंधे लोग, इतने अंधे शासन और प्रशासन के लोग जो फाउंटेन और शिवलिंग में फर्क नहीं कर पा रहा है और उस झूठी बात पर वहां पर पाबन्दी लगवाता है और इलाके को सील करवाता है, इससे बड़ा अन्याय और क्या हो सकता है।”
तौकीर रजा ने पीएम मोदी को धृतराष्ट्र बताते हुए कहा, “मंदिर बनाओ, अपनी आस्था का काम पूरा करो। लेकिन देश का काम भी कुछ कर लो। जबतक अंधे और बहरे बने रहोगे, गूंगे बने रहोगे, तब तक देश का भला नहीं होने वाला। देश का बहुत बुरा हाल है और नरेंद्र मोदी ने आज तक इन सब मामलों पर जुबान क्यों नहीं खोली? उसने बईमानी की थी, उसे महाभारत से गुजरना पड़ा। धृतराष्ट्र बईमानी कर रहा और खामोश बैठा हुआ है। देश का नुकसान होने वाला है और देश का नुकसान हो रहा है।”
वहीं सोमवार को बरेली के दरगाह हजरत के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन ने धमकी भरे अंदाज में कहा, “मुसलमान अब इन तमाम मामलों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। हमने एक बार बाबरी मस्जिद दे दी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और उस फैसले के सामने पूरे देश के मुसलामानों ने अपना सिर झुका दिया। लेकिन अब हम दूसरी मस्जिद नहीं दे सकते। हमारे सब्र का पैमाना न नापा जाए, हमारे बर्दाश्त करने की हद को पार न होने दिया जाए।”
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी वाराणसी कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है और उसे गलत ठहराया है। असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई है।