उत्तर प्रदेश में गौ-संरक्षण को लेकर अब ग्लैमर का सहारा लेने का काम किया जा रहा है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ‘ड्रीमगर्ल’ और मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी को यूपी गोसेवा आयोग का ब्रांड एम्बेसडर बनाने की तैयारी में है। बीजेपी सरकार ने इसके लिए ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है। बता दें कि सरकार ने गौ-संरक्षण के लिए अपने बजट में 647 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। सरकार का यह कदम गौ सेवा आयोग को अलग पहचान देकर गौ-उत्पादों को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।
हेमा मालिनी भी इस प्रस्ताव पर राजी हो गई हैं। उन्होंने प्रस्तावित गौ-अभियान के लिए ब्लूप्रिंट मांगा है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, हेमा ने गौ-सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव गुप्ता को मंजूरी पत्र भेज दिया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “जानवर और उनके उत्पादों का काफी महत्व होता है। यह सिर्फ धार्मिक नजरिए से ही नहीं, बल्कि अन्य मामलों में भी महत्वपूर्ण है। इसलिए गोवंश की बेहतरी और उनके संरक्षण के लिए मैं गोसेवा आयोग की ब्रांड एम्बेसडर बनने के प्रस्वाव को मंजूर करती हूं।”
पिछले साल मई 2018 में ही ऐसी योजना तैयार की गई थी कि गौ-उत्पादों से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के लिए गोसेवा आयोग को गैलमराइज किया जाएगा। यह तय किया गया कि एक ब्रांड एम्बेसडर बनाने से यह काम आसान हो सकता है। इससे गोसेवा आयोग की नीति आम लोगों तक आसानी से पहुंच सकती है। साथ ही आयोग सरकार के प्रयासों और वर्तमान तस्वीर से जुड़ी गलतफहमी को दूर करना चाहती है।
आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा, “हेमा मालिनी के प्रशंसकों की संख्या काफी अधिक है और उन्हें ब्रांड-एम्बेसडर बनाने का फायदा ये होगा कि गौउत्पादों की बिक्री पर असर पड़ेगा। साथ ही वे मथुरा से सांसद भी हैं, जहां से गौसेवा का पुराना संबंध है।” यहां यह भी बता कि केंद्र सरकार भी गौ-संरक्षण की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय सरकार ने एक फरवरी को पेश किए बजट में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन को बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया। गौ संसाधनों के अनुवांशिक उन्नयन को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाने का फैसला लिया गया।