समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल में ही हुई इनकम टैक्स की रेड में खुलासा हुआ है कि कैबिनेट मंत्री रहते हुए आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में 6 सरकारी विभागों के बजट को खर्च कर दिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 6 सरकारी विभागों ने यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए करीब 106 करोड़ रुपए जारी किए थे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके अधीन काम करने वाले आईएएस अधिकारियों और इंजीनियरों ने सारे नियम कानून को ताक पर रखकर मौलाना जौहर विश्वविद्यालय में छह सरकारी विभागों के 106 करोड़ रुपये लगा दिए। आयकर विभाग को आजम के घर और मौलाना जौहर विश्वविद्यालय में छापे के दौरान हाथ लगे दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि उनके अधीन काम करने वाले शासन के अधिकारियों ने मनमाने फरमान जारी कर सी एंड डीएस, जल निगम, पीडब्ल्यूडी और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, संस्कृति विभाग द्वारा करोड़ों रुपये का निर्माण कराया।

13 सितंबर को इनकम टैक्स विभाग ने मारा था छापा

मनी लॉन्ड्रिंग की बात सामने आने पर अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मामले की जांच ED को सौंप दी है। सरकारी महकमों से भी पूछा गया है कि किस नियम और आदेश के तहत उन्होंने सरकारी खजाने से इतनी बड़ी रकम एक निजी विश्वविद्यालय में लगा दी। आयकर विभाग ने 13 सितंबर को जौहर विश्वविद्यालय पर छापा मारा था।

अब जौहर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से ED पूछताछ करेगी। ईडी जौहर ट्रस्ट के सभी ट्रस्टियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेगी। फिलहाल आयकर विभाग आजम खान और करीबियों से मिले दस्तावेज की जांच कर रहा है। निजी विश्वविद्यालय के निर्माण पर सरकारी राशि के खर्च का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि आजम खान ने पिछली सरकार में अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए इस राशि को यूनिवर्सिटी निर्माण में ट्रांसफर कराया।

आयकर विभाग कर रहा जांच

दरअसल, यूनिवर्सिटी निर्माण में हुए खर्च की जांच आयकर विभाग की ओर से की जा रही है। यूनिवर्सिटी ट्रस्ट ने जांच के दौरान देश-विदेश से चंदा मिलने की बात कही। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जितना खर्च दिखाया जा रहा था, निर्माण में उससे अधिक खर्च हुआ था। कागजातों की छानबीन करने पर सरकारी विभागों से यूनिवर्सिटी ट्रस्ट को पैसे आने की बात सामने आई। अब ईडी सरकारी राशि के निजी यूनिवर्सिटी निर्माण में डायवर्ट किए जाने के मसले की जांच कर सकती है।

सरकारी धन का दुरुपयोग

इसकी शिकायत भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी। BJP विधायक आकाश सक्सेना ने कहा, “यह सरकारी धन के दुरुपयोग और गबन के साथ ही भ्रष्टाचार का मामला है। ED को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। तत्कालीन अधिकारियों व इंजीनियरों पर भी कानूनी कार्रवाई हो।”