गुरुवार को पूरे भारत में ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। मेरठ के वालिदपुर गांव में रहने वाली 28 साल की नाजिश के लिए इस बार ईद बेहद खास रही। इस ईद से हफ्तेभर पहले नाजिश और उसके परिवार को बिलकुल भी विश्वास नहीं था कि वो इसबार त्योहार हंसी खुशी मना पाएंगे लेकिन अन्य मुस्लिम परिवारों के बच्चों की तरफ नाजिश ने भी नया सलवार सूट पहना और सभी को ‘ईद मुबारक’ बोला।

दरअसल नाजिश का हाल ही में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत स्कीम के तहत इलाज हुआ है। वह यूपी की पहली ऐसी मरीज बन गई हैं जिसका आयुष्मान भारत स्कीम के तहत किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है। इस साल जनवरी में नाजिश को उस समय झटका लगा, जब डॉक्टर्स ने उसे बताया कि उसके पेट के दर्द की वजह से किडनी फेलियर है। डॉक्टर्स ने नाजिश को किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह दी और बताया कि इलाज में करीब 10 से 12 लाख रुपये खर्च होंगे।

नाजिश के माता-पिता सलीम अहमद और सबीला के लिए यह रकम जुटाना लगभग असंभव था। सलीम अहमद और सबीला दोनों ही दिहाड़ी मजदूर हैं। इसी दौरान असहनीय दर्द के बीच नाज़िश की डायलिसिस साइकिल शुरू हो गईं। डायलिसिस के दौरान गंगा नगर में उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बनाई गई आयुष्मान भारत हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के बारे में पता चला। 12वीं क्लास में पढ़ाई छोड़ चुकी नाजिश कहती हैं कि इसके बाद हमें उम्मीद की किरण दिखाई दी।

Ayushman Bharat Yojana के तहत खुद को रजिस्टर करवाने के बाद नाजिश को गाजियाबाद के कौशांबी स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया गया। नाजिश के भाई गांव में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर्स से संपर्क कर पेपर वर्क पूरा किया। इसके बाद जब डॉक्टर्स ने परिवार से डोनर खोजने के लिए कहा तो नाजिश की मां सबीला ने खुद अपने बेटी के लिए किडनी डोनेट करने की बात कही।

इसके बाद 20 जून को दोनों मां-बेटी की सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद अस्पताल ने मां-बेटी को 8 दिनों तक ऑब्जर्वेशन में रखा। पिछले बुधवार को दोनों को डिस्चार्ज किया गया और फिर गुरुवार को नाजिश के परिवार ने मिलकर खुशियां मनाईं।

नाजिश की सर्जरी पर मीडिया से बात करते हुए अस्पताल की MD डॉक्टर उपासना अरोड़ा ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को फ्री में बेहतरीन इलाज मिलना संभव हुआ है। हमें खुशी है कि केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत राज्य में पहला किडनी ट्रांसप्लांट हमने किया।

स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज की CEO संगीता सिंह ने बताया कि अभी तक राज्य में करीब 3 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इनमें से 23 लाख लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। सरकार ने अभी तक विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए 2700 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्ज कर दिए हैं। इसमें से 80 फीसदी रिम्बर्समेंट प्राइवेट अस्पतालों को किया गया है।