सेना में भर्ती के लिए लाई गई “अग्निपथ योजना” को लेकर कई राज्यों में चल रहे विरोध के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार से सशस्त्र बलों में नौकरी की अवधि को सिर्फ चार साल तक सीमित नहीं करने का आग्रह किया है। गुरुवार (16 जून, 2022) को उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर योजना का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों के साथ अपना समर्थन जताया है। सरकार की यह योजना नई भर्तियों के लिए लागू की जाएगी।
इसके साथ ही केजरीवाल भी उन नेताओं सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इस योजना की निंदा की है। इससे पहले, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के इस कदम को गैर जिम्मेदराना बताते हुए कहा था कि यह देश के भविष्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बीजेपी सांसद वरुण गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने भी इस योजना की निंदा की है। सेना के कुछ दिग्गजों ने भी सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर असहमति जताई है, उन्होंने तर्क दिया है कि नौकरी का चार साल का कार्यकाल अग्निवीरों में लड़ाई में शामिल होने की भावना को कम करेगा।
यूपी के सीएम की अपील- किसी बहकावे में न आएं
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि यह योजना युवा साथियों के जीवन को नए आयाम देगी और उनके भविष्य को स्वर्णिम आधार देगी। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आप किसी बहकावे में न आएं।
45,000 लोगों की होगी भर्ती
अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों को चार साल की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती किया जाएगा, इसके बाद, उन्हें सेवानिवृत्ति कर दिया जाएगा और इस योजना के तहत ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ भी नहीं दिया जाएगा।
योजना के खिलाफ पूरे बिहार में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने कई जिलों में रेल और सड़क यातायात को बाधित कर दिया। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से भी विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं।
इस योजना के तहत, 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के लगभग 45,000 लोगों को चार साल के कार्यकाल के लिए सेवाओं में शामिल किया जाएगा। इस अवधि के दौरान, उन्हें भत्तों के साथ 30,000-40,000 रुपये तक मासिक वेतन दिया जाएगा।