केंद्र सरकार ने इस बात के संकेत दिये हैं कि वह योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार को किसानों के कर्ज माफी में किसी भी तरह से आर्थिक मदद नहीं कर पाएगी। राज्यसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात के संकेत दिये हैं। जेटली ने इस बात के संकेत समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल के पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिए। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो चुनावी मैनिफेस्टो बनाया था उसमें सरकार बनने पर किसानों के तत्काल कर्जमाफी की बात कही थी।

गुरुवार को राज्यसभा में नरेश अग्रवाल ने वित्त मंत्री से पूछा कि बीजेपी की सरकार कर्ज माफी के वादे को कैसे पूरा करेगी, क्या पीएम मोदी इसमें किसी तरह की मदद कर सकते हैं। इस पर अरुण जेटली ने कहा, ‘अगर कर कोई राज्य सरकार सक्षम है और उस दिशा में बढ़ना चाहती है तो राज्य को अपने संसाधन खुद जुटाने होंगे।’ जेटली के इस बयान से साफ है कि फिलहाल योगी आदित्यनाथ को प्रदेश में अपने चुनावी वादे पूरे कराने के लिए केंद्र से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिलने वाली है।

केंद्र सरकार की मदद ना करने की मजबूरी डेटली के उस बयान से भी झलकती है जिसमें उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं आने देंगे जिसमें एक राज्य को मदद मिले और दूसरे को नहीं। वित्तमंत्री को ये बखूबी पता है कि अगर यूपी में किसानों के कर्ज माफ करने के लिए अगर केंद्र ने उन्हें मदद की तो पंजाब राजस्थान और महाराष्ट्र सरीखे राज्यों को भी आर्थिक मदद देनी होगी। आपको बता दें कि ये तीनों राज्य भी काफी समय से केंद्र से किसानों के लिए कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं।

योगी को मोदी सरकार की तरफ से आर्थिक मदद करने से इनकार करने पर प्रदेश के भाजपा संगठन ने बताया कि ऐसा पहले से ही तय था। घोषणापत्र तैयार करने वाली टीम ने इस वादे को पूरा करने के लिए पहले से रणनीति बना रखी है।