मर्डर के एक मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट जल्द फैसला सुनाएगा। यह मामला 19 साल पुराना है और सरकार की अपील पर इसकी सुनवाई चल रही है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ इस मामले पर फैसला करेगी। अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ 2003 में हुए एक मर्डर के लिए केस चल रहा है। इस मामले में टेनी को 2004 में निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जिसके बाद सरकार की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई। तब से इस मामले की सुनवाई चल रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया है। शिकायतकर्ता के लिए तर्क देते हुए, अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने कहा कि हत्या के मामले में मिश्रा के बरी होने के खिलाफ 2004 में राज्य सरकार की तरफ से आपराधिक अपील दायर की गई थी।

उन्होंने अपने तर्क में यह भी कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने 22 नवंबर 2013 को अदालत से अपील पर सुनवाई में तेजी लाने के लिए कहा था। मिली जानकारी के अनुसार सरकार की इस अपील पर सुनवाई हुई और 12 मार्च 2018 को खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन बाद में इसे फिर से सूचीबद्ध कर दिया गया था। तब से मामले की सुनवाई नहीं हुई है। अब 16 मई को इसपर फैसला आएगा।

बता दें कि 2003 में लखीमपुर इलाके में एक युवक की हत्या हो गई थी। इसी मामले में अजय मिश्रा टेनी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था। मामले की सुनवाई के बाद 2004 में टेनी समेत अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। जिसके खिलाफ अपील दायर की गई थी।

अजय मिश्रा टेनी पहले ही लखीमपुर मामले में विपक्ष के निशाने पर हैं। लखीमपुर मामले में चार किसानों की मौत को लेकर उनके बेटे आशीष मिश्रा टेनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। फिलहाल वो जमानत पर हैं। विपक्ष इस मामले को लेकर अजय मिश्रा टेनी से इस्तीफा मांगता रहा है।